अब दुश्मन सेनाओं की खैर नहीं, ढेर सारी खूबियों से लैस है राफेल लड़ाकू विमान
आखिरकार वह घड़ी नजदीक आ गई जिसका हर देशवासी को इंतजार था। फ्रांस से 7000 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद आज पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत की सरजमी को चूमेंगे।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: आखिरकार वह घड़ी नजदीक आ गई जिसका हर देशवासी को इंतजार था। फ्रांस से 7000 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद आज पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत की सरजमी को चूमेंगे। इन लड़ाकू विमानों के आने से भारतीय वायुसेना इतने ताकतवर हो जाएगी कि दुश्मन सेनाएं कांप उठेंगी। ये विमान 55000 फीट की ऊंचाई से भी दुश्मनों को तबाह करने की क्षमता से लैस है। भारत के साथ हमेशा विवाद खड़ा करने वाले चीन और पाकिस्तान की सेनाओं के पास इस लड़ाकू विमान का कोई जवाब नहीं है। अंबाला एयर बेस पर इन विमानों की लैंडिंग के समय जोरदार स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा।
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एलएसी और एलओसी पर बढ़ेगी ताकत
जानकारों का कहना है कि अंबाला में राफेल की तैनाती के बाद एलएसी और एलओसी पर भारत की ताकत काफी बढ़ जाएगी। राफेल एलएसी के साथ ही एलओसी की भी पूरी निगरानी करेगा। दुश्मन सेनाओं से चल रही तनातनी के बीच आने के सात दिनों के भीतर ही राफेल को एलएसी पर तैनात किया जाना है। सूत्रों का कहना है कि राफेल लड़ाकू विमान में इतनी ताकत है कि वह बिना सरहद पार किए दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
पाकिस्तान और चीन में मचा सकता है तबाही
यह लड़ाकू विमान एयर स्पेस बॉर्डर क्रॉस किए बिना पाकिस्तान और चीन के भीतर 600 किलोमीटर तक के टारगेट को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने की क्षमता से लैस है। इसका मतलब है कि अंबाला से 45 मिनट के भीतर ही बॉर्डर पर राफेल की तैनाती की जा सकती है और फिर टारगेट तय करके पाकिस्तान और चीन में भारी तबाही मचाई जा सकती है। वैसे एयर टू एयर और एयर टू सरफेस मारक क्षमता में राफेल पूरी तरह सक्षम है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर तक बताई जा रही है।
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भारतीय सेना का सबसे खतरनाक हथियार
इस विमान की एक और बड़ी खूबी है कि इसे हवा में ही रिफ्यूल किया जा सकता है। ऐसे में इसकी रेंज को निर्धारित रेंज से बढ़ाया भी जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर यह लड़ाकू विमान दुश्मन के इलाके में घुसकर 600 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक एयर स्ट्राइक करने में पूरी तरह सक्षम है। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी का कहना है कि अब भारत चीन और पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है और भारतीय वायुसेना के पास अब सबसे खतरनाक हथियार आ गया है।
दुश्मन विमानों की पकड़ में नहीं आता
इस विमान की एक बड़ी खूबी दुश्मन विमान के रडार को जाम करने की भी है। सूत्रों के मुताबिक यह विमान दुश्मन सेना के विमान के रडार को हवा में ही जाम करने की क्षमता से लैस है। इस क्षमता के होने के कारण राफेल दुश्मनों के विमान की पकड़ में नहीं आता और उन्हें आसानी से नष्ट करने में सक्षम है। इसके कॉकपिट के सिस्टम को डिजाइन करने में काफी ध्यान दिया गया है ताकि युद्ध के दौरान पायलट का पूरा ध्यान दुश्मन के टारगेट को हिट करने में पूरी तरह एकाग्र रहे।
वायुसेना प्रमुख करेंगे स्वागत
राफेल लड़ाकू विमानों के दोपहर तक अंबाला एयरवेज पर पहुंचने की संभावना है। इन विमानों की अगवानी के लिए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया खुद मौजूद रहेंगे। उनके साथ वेस्टर्न एयर कमांड के कई बड़े अफसर भी राफेल की अगवानी के लिए अंबाला एयर बेस पर मौजूद रहेंगे। राफेल को उड़ाकर भारत लाने वाले पायलटों के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया है।
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अंबाला एयर बेस पर लैंडिंग के बाद राफेल को वॉटर सैल्यूट दिया जाएगा। पांचों लड़ाकू विमानों को एक कतार में खड़ा करने के बाद सैन्य सेरेमनी आयोजित की जाएगी। इस मौके पर अंबाला एयरबेस के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है।
हरकीरत कराएंगे पहले विमान की लैंडिंग
पांच विमानों में से सबसे पहले विमान को वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता हरकीरत सिंह लैंड कराएंगे। इसके बाद चारों अन्य विमानों की लैंडिंग होगी। हरकीरत सिंह को 2008 में विषम परिस्थितियों में जान जोखिम में डालकर विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराने पर शौर्य चक्र प्रदान किया गया था।
उस समय 4 किलोमीटर की ऊंचाई पर हरकीरत सिंह को इंजन से तीन धमाके सुनाई दिए थे। कॉकपिट में अंधेरा छा जाने के बाद हरकीरत ने इमरजेंसी लाइट जलाकर किसी तरह आग पर काबू पाया और उच्च कौशल दिखाते हुए नेवीगेशन सिस्टम से रात में लैंडिंग की। उन्होंने अपनी जान बचाने की परवाह न करते हुए मिग को भी सुरक्षित लैंड करने में कामयाबी हासिल की थी।
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