Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में मंत्रिमंडल के विस्तार में फंसा पेंच, नेताओं की अलग-अलग राय, वसुंधरा राजे की चुप्पी से बढ़ा सस्पेंस
Rajasthan Cabinet Expansion: इस वीकेंड भजनलाल मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा मगर अब संकेत मिले हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह हो सकता है।
Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को शपथ लिए कई दिन बीत चुके हैं मगर अभी तक वे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। राजस्थान में मंत्रिमंडल के विस्तार में हो रही देरी पर सवाल उठने लगे हैं। पहले माना जा रहा था कि इस वीकेंड भजनलाल मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा मगर अब संकेत मिले हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह हो सकता है।
राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल के शपथ लेने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर बड़े नेता चुप्पी साधे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का खेमा पूरी तरह खामोश बैठा हुआ है। वसुंधरा राजे की चुप्पी ने सस्पेंस और बढ़ा दिया है। जानकारों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नेताओं की अलग-अलग राय सामने आई है और इस कारण अभी तक सहमति नहीं बन सकी है। इसके साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान दौरा भी विस्तार टलने का बड़ा कारण माना जा रहा है।
मंत्री पद के लिए जोड़-तोड़
मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी के बीच विधायकों ने मंत्री पद पाने के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है। जयपुर से लेकर दिल्ली तक संपर्क साधते हुए विधायक मंत्री पद पाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ब्राह्मण समाज की ओर से कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले संदीप शर्मा को मंत्री बनाने की मांग की गई है। इसके लिए बाकायदा हवन-पूजन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। दूसरी ओर किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों ने उन्हें मंत्री बनाने के लिए सोशल मीडिया पर बाकायदा अभियान छेड़ रखा है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए थे। राज्य में नए चेहरे के तौर पर भजनलाल शर्मा की मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हुई है जबकि दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई है। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं मगर अभी तक मंत्रियों के नाम की सूची पर हाईकमान की मुहर नहीं लग सकी है।
नए मंत्रियों को लेकर अलग-अलग राय
राज्य के सियासी जानकारों और भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नए मंत्रियों को लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही है। राज्य के सियासी हल्कों में चर्चा है कि गृह मंत्री अमित शाह अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं को मंत्री बनाए जाने के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि राज्य में नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए जबकि राज्य में भाजपा नेताओं का एक बड़ा वर्ग पुराने और वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी किए जाने का विरोध कर रहा है।
इस खेमे कहना है कि इस कदम से लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। भजनलाल मंत्रिमंडल को लेकर अलग-अलग राय होने के कारण मंत्रिमंडल विस्तार में पेंच फंस गया है।
वसुंधरा की चुप्पी से बढ़ा सस्पेंस
राज्य में भजन लाल शर्मा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चुप्पी साथ रखी है। राजे ने कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया है। राज्य में उनके समर्थकों को मंत्री न बनाए जाने की चर्चाएं सुनी जा रही हैं। ऐसे में उनकी चुप्पी के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हाल में उन्होंने अपने समर्थकों से भी मुलाकात की है। वैसे उनकी चुप्पी ने राज्य में सियासी सस्पेंस बढ़ा रखा है।
अगले हफ्ते हो पाएगा मंत्रिमंडल विस्तार
मुख्यमंत्री बनने के बाद भजन लाल शर्मा अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ दो बार राजधानी दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है मगर अभी तक उनके मंत्रिमंडल की सूची पर हाईकमान की मुहर नहीं लग सकी है।
इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी राजस्थान के दौरे पर पहुंच गई हैं। राज्यपाल कलराज मिश्रा और मुख्यमंत्री भजनलाल दोनों राष्ट्रपति के दौर में व्यस्त हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार अगले हफ्ते ही हो पाएगा।