Rajasthan: सचिन पायलट ने फिर CM गहलोत को घेरा,कहा-तीन मांगों को करना होगा पूरा,सुलह के दावों के बीच टकराव की स्थिति

New Delhi: राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सुलह के दावों की कलई धीरे-धीरे खुलती जा रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर हाल में हुई एक बड़ी बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से दोनों नेताओं में सुलह का दावा किया गया था मगर पायलट ने एक बार फिर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि मेरी ओर से उठाए गए मुद्दों पर राजस्थान सरकार को कार्रवाई करनी होगी।

Update: 2023-06-01 11:22 GMT
सचिन पायलट, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(फोटो: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सुलह के दावों की कलई धीरे-धीरे खुलती जा रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर हाल में हुई एक बड़ी बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से दोनों नेताओं में सुलह का दावा किया गया था मगर पायलट ने एक बार फिर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि मेरी ओर से उठाए गए मुद्दों पर राजस्थान सरकार को कार्रवाई करनी होगी।
उन्होंने कहा कि खासतौर पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को एक्शन लेना होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं से जुड़े मुद्दे पर भी समझौते की कोई संभावना नहीं है। पायलट के इस बयान से साफ हो गया है कि राजस्थान कांग्रेस में संकट अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पायलट का बयान इस बात का संकेत माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस में अभी भी दोनों खेमों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।

मांगों को पूरा करने के लिए पायलट का दबाव

दरअसल राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान का दौर बना हुआ है। हाल में दिल्ली में हुई बड़ी बैठक के बाद माना जा रहा था कि अब राजस्थान कांग्रेस का माहौल बदलेगा मगर ऐसी स्थिति नहीं दिख रही है। पायलट लंबे समय से अपनी तीन मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। पायलट ने वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने, पेपर लीक के कारण आर्थिक नुकसान झेलने वाले बच्चों को उचित मुआवजा देने और राजस्थान की सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग की है।
पायलट ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 31 मई तक का अल्टीमेटम दिया था। अब यह समयसीमा खत्म हो गई है। पायलट ने एक बार फिर दबाव बनाते हुए कहा है कि मैंने जो मुद्दे उठाए थे, उन पर कार्रवाई करनी होगी। विशेष रूप से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को कदम आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं से जुड़े मुद्दे पर समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है। दिल्ली में हुई बैठक के दौरान आलाकमान ने राज्य सरकार की जिम्मेदारी होने की बात कही थी। पायलट के बयान से साफ हो गया है कि राजस्थान कांग्रेस का संकट अभी पूरी तरह नहीं टला है।

सुलह के दावों की खुलने लगी कलई

सचिन पायलट लंबे समय से राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते रहे हैं। हालांकि कांग्रेस हाईकमान राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन करने के मूड में नहीं दिख रहा है। दिल्ली में अभी हाल में पार्टी अध्यक्ष खड़गे के आवास पर हुई बैठक के दौरान दोनों नेताओं से चर्चा की गई थी। इस बैठक में खड़गे, गहलोत और पायलट के अलावा राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौजूद थे।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि गहलोत और पायलट दोनों मिलकर राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस एक बार फिर राजस्थान में भाजपा को हराकर सत्ता पर कब्जा बनाए रखने में कामयाब होगी। हालांकि इस दौरान गहलोत और पायलट दोनों नेताओं ने चुप्पी साध रखी थी वेणुगोपाल के इस बयान के बाद माना गया था कि राजस्थान कांग्रेस में गहलोत और पायलट के बीच सुलह हो गई है मगर ऐसी स्थिति नहीं दिख रही है।

भाजपा की सक्रियता से कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ीं

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में लंबे समय से भाजपा और कांग्रेस के बीच हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता रहा है। भाजपा ने इस बार के चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए राज्य में बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बुधवार को राजस्थान के दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान अजमेर में रैली करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने कांग्रेस पर 85 फीसदी कमीशनखोरी का बड़ा आरोप भी लगाया था।
भाजपा के जोरदार अभियान और कांग्रेस नेताओं के आपसी झगड़े के कारण राजस्थान कांग्रेस का संकट दिन-प्रतिदिन कराता जा रहा है। कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक राजस्थान में सुलह के फार्मूले का खुलासा नहीं किया है। अब यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी हाईकमान की ओर से आने वाले दिनों में क्या कदम उठाया जाता है।

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