Rajasthan Politics: पिता की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट ने किया शक्ति प्रदर्शन,सीएम अशोक गहलोत पर कसा तंज
Rajasthan Politics:मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान सचिन पायलट ने तीखे तेवर दिखाए। हालांकि अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम नहीं लिया मगर इशारों में मुख्यमंत्री पर जमकर तंज कसा।
Rajasthan Politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आज अपने पिता राजेश पायलट की 23वीं पुण्यतिथि पर दौसा के भंडाना में शक्ति प्रदर्शन किया। इस मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान सचिन पायलट ने तीखे तेवर दिखाए। हालांकि अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम नहीं लिया मगर इशारों में मुख्यमंत्री पर जमकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मैंने अपने सियासी जीवन के दौरान आम लोगों की लड़ाई लड़ी है और आगे भी मेरी यह लड़ाई जारी रहेगी।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात की अटकलें लगाई गई थीं कि पिता की पुण्यतिथि के मौके पर सचिन पायलट आज कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। अपने सियासी भविष्य को लेकर उनके कोई बड़ा फैसला लेने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर सचिन पायलट ने ऐसा कोई ऐलान आज नहीं किया। हालांकि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में अशोक गहलोत के साथ पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक के बावजूद गहलोत को निशाना बनाने से परहेज भी नहीं किया।
मुख्यमंत्री गहलोत पर साधा निशाना
अपने संबोधन के दौरान सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कहा जाता है कि गरीबों की मदद करने पर आर्थिक दिवालियापन हो जाएगा और यहां के लोग कहते हैं कि धोखा खाने वाले नौजवानों की मदद करने पर मानसिक दिवालियापन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सच्चे मन से जरूरतमंदों की मदद करने के लिए हमारा दिल बड़ा होना चाहिए।
इस बयान के जरिए पायलट का निशाना साफ तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर था क्योंकि गहलोत ने कुछ दिनों पहले कहा था कि पेपर पीड़ितों को मुआवजा देने की बात कही जाती है। बताओ यह कैसा मानसिक दिवालियापन है। सचिन पायलट ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी हमले किए। उन्होंने वसुंधरा राज में खानों के आवंटन और फिर उसे रद्द किए जाने का मुद्दा भी उठाया।
जनता से किए वादों से पीछे नहीं हटूंगा
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने हमेशा युवाओं के दिलों की बात कही है और मैं लोगों के से किए गए अपने वादे से कभी पीछे नहीं हटूंगा। हम किसी पद पर रहें या ना रहें मगर हम राज्य की राजनीति को स्वच्छ बनाने की कोशिश जरूर करते रहेंगे। पायलट ने कहा कि अगर राजस्थान में कोई कमी है तो हमें इसके लिए दूसरों को दोष देने के बजाय खुद इन कमियों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कोटा जिले में हो रही बच्चों की मौत का मुद्दा भी उठाया।
पायलट ने कहा कि मैंने जो भी मांगे उठाईं है उनका मकसद किसी की बुराई करना या किसी को नीचा दिखाना नहीं था। हम हालात में बदलाव के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पायलट ने कहा कि किसी ने इस बात को बखूबी कहा है कि हर गलती सजा मांगती है। हम आपस में चाहे जैसे भी संबंध रखें, लेकिन एक दिन नीली छतरी वाला न्याय जरूर करेगा। इस मौके पर उन्होंने अपने पिता राजेश पायलट को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता के निधन से इस इलाके का जो नुकसान हुआ है,उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती। अच्छा तो यह है कि क्षेत्र की जनता मेरे साथ जुड़ी हुई है और जनता ने कभी मुझे पिता की कमी नहीं महसूस होने दी।
पिता की पुण्यतिथि पर दिखाई ताकत
दौसा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के जरिए सचिन पायलट ने अपनी ताकत दिखाने की भी कोशिश की। इस मौके पर पायलट समर्थक मंत्री और विधायकों का जमावड़ा भी लगा। पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि पायलट आज अपने सियासी भविष्य को लेकर कोई बड़ा ऐलान भी कर सकते हैं। अटकलें तो यहां तक लगाई जा रही थीं कि वे किसी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं मगर पायलट ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया।
ऐसे में माना जा रहा है कि पायलट कांग्रेस में रहते हुए ही खुद को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। वैसे दिल्ली में पिछले दिनों हाईकमान की ओर से की गई बैठक के बावजूद पायलट और गहलोत के बीच गिले-शिकवे अभी तक दूर नहीं हो सके हैं। दोनों अभी भी एक-दूसरे पर इशारों में तंज कसने की कोशिश में जुटे हुए हैं।