Ramcharitmanas Row: अब AAP नेता राजेंद्र गौतम ने दिया मानस विरोधी बयान, बताया दलित और स्त्री विरोधी, बिहार के मंत्री का समर्थन

Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस और मनुस्मृति में स्त्री और दलित विरोधी बातें लिखी गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आप नेता बिहार के मंत्री चंद्रशेखर का समर्थन करते हुए देख रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-01-23 14:07 IST

Rajendra Gautam statement  (photo: social media )

Ramcharitmanas Row: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस और मनुस्मृति में स्त्री और दलित विरोधी बातें लिखी गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आप नेता बिहार के मंत्री चंद्रशेखर का समर्थन करते हुए देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर ने रामचरितमानस और मनुस्मृति को लेकर जो टिप्पणियां की हैं उनमें कुछ भी गलत नहीं है। गौतम का यह वीडियो राजस्थान के अजमेर का बताया जा रहा है। राजेंद्र पाल गौतम आप के वही नेता हैं जिन्होंने राम और कृष्ण की पूजा न करने की शपथ दिलाई थी। इसे लेकर खूब सियासी बवाल हुआ था जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

बिहार के मंत्री का बयान गलत नहीं

आप नेता राजेंद्र पाल गौतम अपने धार्मिक विचारों को लेकर पहले ही विवादों में रहे हैं। अब उन्होंने मानस को लेकर विवादित बयान दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में गौतम कहते हैं कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस और मनुस्मृति को लेकर अपनी राय सामने रखी तो पूरे देश का मीडिया उनके पीछे पड़ गया। मेरा सवाल यह है कि चंद्रशेखर ने क्या गलत कहा है।

उन्होंने तो उन्हीं बातों का उल्लेख किया है जो रामचरितमानस और मनुस्मृति में लिखी गई है। उन्होंने बिल्कुल सही बात कही है कि इन दोनों ग्रंथों में जो लिखा गया है, वह गलत है और दलित व स्त्री विरोधी है। उन्होंने कहा कि सच्चाई को उजागर करने वाले चंद्रशेखर के साथ हम सभी को खड़ा होना चाहिए। समतावादी और मानवता पसंद लोगों को आंखें बंद करके अंधे लोगों का अनुसरण नहीं करना चाहिए।

मानस की उसी चौपाई का किया उल्लेख

आप नेता ने भी रामचरितमानस की उसी चौपाई का उल्लेख किया है जिसे लेकर चंद्रशेखर और स्वामी प्रसाद मौर्य भी आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में लिखा गया है कि ढोल गंवार शुद्र पशु नारी, यह सब ताड़ना के अधिकारी। अब इसकी व्याख्या करके ताड़ना का मतलब देखना बताया जा रहा है जबकि चौपाई में स्पष्ट रूप से ताड़ना का मतलब पीटना है। उन्होंने कहा कि ये धर्मशास्त्र हमें इंसान का दर्जा देने को तैयार नहीं। गौतम ने कहा कि इसके पीछे आस्था को चोट पहुंचने की दलील दी जा रही है जबकि हमारी बहन-बेटियों की रोज इज्जत लूटी जा रही है, युवाओं को पीटा जा रहा है और हमारी बस्तियों को निशाना बनाकर जलाया जा रहा है।

चंद्रशेखर और मौर्य के बाद तीसरे नेता

हाल के दिनों में गौतम तीसरे ऐसे नेता हैं जिन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को लेकर सवाल खड़े किए हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हाल में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में इन दोनों ग्रंथों को लेकर विवादित बयान दिया था। इसे लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है और चंद्रशेखर से माफी मांगने की मांग की जा रही है। हालांकि उन्होंने इस मांग को ठुकराते हुए माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रविवार को मानस की चौपाई का उल्लेख करते हुए इस ग्रंथ को दलित विरोधी बताया था। उन्होंने इस धार्मिक ग्रंथ पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की थी। इसे लेकर उत्तर प्रदेश में भी सियासी बवाल मचा हुआ है। अब आप नेता ने भी विवादित बयान दिया है और माना जा रहा है कि इस पर भी सियासी विवाद पैदा होना तय है।

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