Rape Case: मुंबई होर्डिंग मालिक पर रेप का केस, पहले भी अवैध होर्डिंग के लिए लगा है जुर्माना
Rape Case: अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, भिंडे के खिलाफ इस साल 24 जनवरी को मुलुंड पुलिस स्टेशन में बलात्कार और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था।
मुंबई होर्डिंग मालिक भावेश प्रभुदास भिंडे: Photo- Social Media
Rape Case: मुंबई के घाटकोपर इलाके में पेट्रोल पंप पर विशालकाय होर्डिंग गिरंने से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती हैं अब पता चला है कि इस होर्डिंग के मालिक के खिलाफ इस साल की शुरुआत में मुंबई पुलिस ने बलात्कार के मामले में मामला दर्ज किया था।
पंत नगर पुलिस, जिसके अधिकार क्षेत्र में मुंबई होर्डिंग ढहने की घटना हुई थी, ने 13 मई की रात को ‘एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के 51 वर्षीय निदेशक भावेश प्रभुदास भिंडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, भिंडे के पास ही दस साल की लीज़ के लिए होर्डिंग का ठेका था।
अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, भिंडे के खिलाफ इस साल 24 जनवरी को मुलुंड पुलिस स्टेशन में बलात्कार और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था। अंततः उसे बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत दे दी गई। इस मामले में पहले ही आरोप पत्र दायर किया जा चुका है।
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चुनाव भी लड़ चुका है
भिंडे ने 2009 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और उस समय अपने हलफनामे में उसने अपने खिलाफ 21 मामलों की घोषणा की थी जिनमें बिना अनुमति के बैनर लगाने से संबंधित दो अपराधों के लिए मुंबई नगर निगम (एमएमसी) अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया गया था। इसके अलावा एनआई एक्ट के भी मामले थे।
इसके अलावा, 2009 में महाराष्ट्र के मुलुंड से विधानसभा चुनाव लड़ते समय की गई दलीलों के अनुसार, भिडे ने घोषणा की कि उन पर 21 मौकों पर एमएमसी अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे और दो बार मामला दर्ज किया गया था। एनआई एक्ट के तहत मामले मामलों की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
मुंबई होर्डिंग ढहने की घटना के संबंध में पंत नगर पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर में, धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 337 (लापरवाही से चोट पहुंचाना) और दफा 34 (सामान्य इरादा) के तहत केस दर्ज किया गया है।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के प्रमुख भूषण गगरानी ने कहा कि घाटकोपर होर्डिंग अवैध था क्योंकि नागरिक निकाय ने इसे लगाने की अनुमति नहीं दी थी। जिस स्थान पर घटना घटी, वहां रेलवे की जमीन पर चार होर्डिंग लगे थे और उनमें से एक गिर गया। बीएमसी एक साल से होर्डिंग्स लगाने पर आपत्ति जता रही थी।