आरबीआई ने कर दिया बड़ा ऐलान, आपको मिलेगा ये फायदा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आम जनता को बड़ी राहत दी गई है। इस बैठक के बाद 35 बेसिस प्‍वाइंट(रेपो रेट) की कटौती की घोषणा की गई है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गया है। इससे पहले रेपो रेट की दर 5.75 फीसदी थी।

Update:2019-08-07 12:44 IST

मुंबई: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आम जनता को बड़ी राहत दी गई है। इस बैठक के बाद 35 बेसिस प्‍वाइंट(रेपो रेट) की कटौती की घोषणा की गई है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गया है। इससे पहले रेपो रेट की दर 5.75 फीसदी थी।

दरअसल रेपो रेट कम होने के बाद बैंकों पर होम और ऑटो लोन पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव होगा। आरबीआई नेरिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की है। रिवर्स रेपो रेट घटकर अब 5.15 फीसदी हो गया है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है।

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आरबीआई के 6 सदस्‍यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) के 2 सदस्‍य चेतन घटे और पामी दुआ, 0.35 फीसदी की कटौती के पक्ष में नहीं थे। वह 0.25 फीसदी कटौती चाहते थे। हालांकि अन्‍य 4 सदस्‍य रविंद्र ढोलकिया, देवब्रत पात्रा, बिभु प्रसाद और गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कटौती का समर्थन किया है।

आरबीआई ने लिया ऐतिहासिक फैसला

आरबीआई की पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की चुकी है। यानी अगस्‍त में लगातार चौथी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है। वहीं रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब गवर्नर की नियुक्‍ति के बाद से लगातार चार बार रेपो रेट में कमी आई है।

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बता दें कि साल 2018 के दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के बाद शक्तिकांत दास बतौर गवर्नर नियुक्‍त हुए थे। इसके बाद से अब तक 4 बार आरबीआई की मीटिंग हो चुकी है।

आम जनता पर होगा ये असर

आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। बता दें कि आरबीआई के लगातार रेपो रेट घटाने के बाद भी बैंकों ने उम्‍मीद के मुताबिक ग्राहकों तक फायदा नहीं पहुंचाया है। यही वजह है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था।

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इस बीच, केद्रीय बैंक ने चालू वित्‍त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है।

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