अब इस बैंक को तगड़ा झटका, खाताधारकों पर गिरा मुसीबत का पहाड़

यह पेनाल्टी बंधन बैंक को प्रवर्तक हिस्सेदारी कम करके 40 प्रतिशत पर लाना था। लेकिन बैंक ने यह शर्त तय समय के भीतर पूरा नहीं किया। गौरतलब है कि बंधन बैंक को केन्द्रीय बैंक से 2014 में सामान्य बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ था और उसने अगस्त 2015 में एक पूर्ण बैंक के रूप में काम करना शुरू किया।

Update: 2019-10-30 09:52 GMT

कोलकाता: बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये गए गाइड लाईन कों पूरा न कर पाने पर कई तरह के पेनाल्टी भरने पड़ते हैं। इस बार यह पेनाल्टी बंधन बैंक पर आरबीआई ने लगाया है यह पेनाल्टी एक करोड़ रुपये का है। ये पेनाल्टी आरबीआई की गाइडलाइन्स को पूरा न करने के चलते लगाया गया है।

बंधन बैंक को 2014 में सामान्य बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ

बता दें कि यह पेनाल्टी बंधन बैंक को प्रवर्तक हिस्सेदारी कम करके 40 प्रतिशत पर लाना था। लेकिन बैंक ने यह शर्त तय समय के भीतर पूरा नहीं किया। गौरतलब है कि बंधन बैंक को केन्द्रीय बैंक से 2014 में सामान्य बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ था और उसने अगस्त 2015 में एक पूर्ण बैंक के रूप में काम करना शुरू किया।

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बंधन बैंक ने नियामकीय सूचना में कहा है कि रिजर्व बैंक ने बैंक में बंधन फाइनेंसियल होल्डिंग्स लिमिटेड की हिस्सेदारी को कम करके 40 प्रतिशत पर लाने में असफल रहने पर यह पेनाल्टी लगाया गया है। बैंक द्वारा पूर्ण बैंकिंग कारोबार शुरू करने के तीन साल के भीतर ये हिस्सेदारी बैंक मताधिकार वाली चुकता पूंजी के 40 प्रतिशत पर लाई जानी थी।

इस वजह से आरबीआई ने जनता सहकारी बैंक पर भी लगाया है पेनाल्टी

रिजर्व बैंक ने सहकारी क्षेत्र के जनता सहकारी बैंक पर भी एक करोड़ रुपये का पेनाल्टी लगाया है। इसके अलावा जलगांव पीपुल्स सहकारी बैंक पर भी 25 लाख रुपये का पेनाल्टी लगाया गया है। केन्द्रीय बैंक ने आय पुष्टि, अग्रिम प्रबंधन और संपत्ति वर्गीकरण नियमों के उल्लंघन को लेकर पुणे स्थित जनता सहकारी बैंक पर एक करोड़ रुपये और जलगांव पीपुल्स सहकारी बैंक पर 25 लाख रुपये का पेनाल्टी लगाया है।

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रिजर्व बैंक ने इस संबंध में मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी कर ये जानकारी दी है।

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