आरबीआई का बड़ा तोहफा, रेपो रेट 0.25% घटाया, कम होंगी ब्याज दरें

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की जनता को एक बार फिर तोहफा दिया है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्वाइंट की कमी का ऐलान किया। इस कमी के बाद रेपो रेट घटकर 5.75 फीसदी रह गया है।

Update: 2019-06-06 04:36 GMT

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की जनता को एक बार फिर तोहफा दिया है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्वाइंट की कमी का ऐलान किया। इस कमी के बाद रेपो रेट घटकर 5.75 फीसदी रह गया है। अभी यह 6 फीसदी था। अहम बात यह है कि आरबीआई ने इस साल मुख्य ब्याज दर में तीसरी बार कटौती की है।

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एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती का समर्थन किया। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया गया है। छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की।

नई मौद्रिक नीति के तहत रिवर्स रेपो रेट घटकर 5.50 प्रतिशत, जबकि बैंक रेट 6 प्रतिशत पर आ गया है। हालांकि सीआआर में कोई कटौती नहीं की गई है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक का ब्योरा 20 जून 2019 को जारी किया जाएगा। समिति की अगली बैठक 5-7 अगस्त 2019 को होगी।

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दरअसल रेपो रेट ब्याज की वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक बैकों को फंड मुहैया कराता है। चूंकि रेपो रेट घटने से बैंकों को आरबीआई से सस्ती फंडिंग प्राप्त हो सकेगी, इसलिए बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। इससे नया लोन सस्ता हो जाएगा, जबकि लोन ले चुके लोगों को या तो ईएमआई में या रीपेमेंट पीरियड में कटौती का फायदा मिल सकता है।

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