Article 370 J&K: जम्मू कश्मीर में हालात बेहतर, पत्थरबाजी की घटनाओं में आई कमी, सुप्रीम कोर्ट में बोली केंद्र सरकार
Article 370 J&k: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। गुरूवार को इस मामले पर शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई।
Article 370 J&k: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। गुरूवार को इस मामले पर शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश के हालात और भविष्य की योजनाओं से कोर्ट को अवगत कराया। केंद का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद से हालात बेहतर हुए हैं। पत्थराबजी की घटनाओं में भारी कमी दर्ज की गई है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने पूरा आंकड़े पेश करते हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा, जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 45.2 प्रतिशत की कमी आई है। घुसपैठ मं 90.2 प्रतिशत की कमी आई है। पत्थरबाजी की घटनाओं में 97.2 प्रतिशत और सुरक्षाकर्मियों की मौत में 65.9 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि बेहतर हो रहे हालात का ही नतीजा है कि टूरिस्टों की संख्या में वृद्धि हुई है।
मेहता ने इसके भी आंकड़े पेश करते हुए कहा कि अकेले जनवरी 2022 में 1.8 करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर आए। 2023 में अब तक का आंकड़ा एक करोड़ को पार कर चुका है। ये सभी आंकड़े इसके गवाह हैं कि केंद्र शासित प्रदेश में हालात पहले से कहीं ज्यादा सामान्य हैं।
केंद्र चुनाव कराने को तैयार
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29 अगस्त को यानी 12वें दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल पूछा गया था। इसका जवाब देते हुए आज सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम (केंद्र) जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत और नगर निगम के चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार कर ली गई है। चुनाव की तारीखों का फैसला राज्य और केंद्रीय चुनाव आयोग करेगा।
जम्मू कश्मीर को कब मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा
जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियां और अन्य विपक्षी दल की मांग है कि पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द से बहाल किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछली सुनवाई में सरकार से इसपर सवाल करते हुए पूर्ण राज्य का दर्जा देने की समयसीमा बताने को कहा था। इस पर आज सरकार ने कहा कि फिलहाल वो समयसीमा नहीं बता सकती। हालांकि, सरकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर को मिला केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है और इसे पूर्ण राज्य बनाने पर काम चल रहा है। वहीं, लद्दाख केंद शासित प्रदेश ही बना रहेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 से जुड़ी कई याचिकाओं पर पांच जजों की संविधान पीठ एकसाथ सुनवाई कर रही है। इस पीठ की अगुवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।