CBI यहां कमजोर: इन राज्यों में नहीं कर सकती जांच, जाने क्या है प्रक्रिया

दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत सीबीआई सिर्फ केंद्र शासित प्रदेशों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है। राज्यों में जांच शुरू करने से पहले सीबीआई को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है।

Update:2020-07-22 13:16 IST

नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी संकट आने के कारणों में मुख्यरूप से सौदेबाजी का मामला सामने आया है। जिसकी जांच के लिए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) को दी गई लेकिन अब ये अनुमति यानी जनरल कन्सेंट राज्य सरकार द्वारा वापस ले लिया है। अब सीबीआई को राज्य में किसी भी जांच से पहले सरकार की इजाजत लेनी होगी।

विधायकों की खरीद-फरोख्त का दावा

बता दें कि राजस्थान में एक ऑडियो सामने आया है जिसमें दावा किया गया है कि इसमें गहलोत सरकार को गिराने के लिए सौदेबाजी की बातें की जा रही हैं। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह सरकार गिराने की साजिश कर रही है और विधायकों की खरीद- फरोख्त कर रही है।

सीबीआई से जनरल कन्सेंट वापस ले लिया

ऑडियो में कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज होने का आरोप है। इस मामले पर भाजपा ने हाल ही में सीबीआई जांच की मांग की थी। और अब राजस्थान सरकार ने सीबीआई से जनरल कन्सेंट वापस ले लिया है।

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देश में तीन राज्यों में सीबीआई जांच की अनुमति नहीं

बता दें कि देश में तीन राज्यों में सीबीआई जांच की अनुमति नहीं है। यानी यहां की सरकारों ने सीबीआई को राज्य की तरफ से दिया जाने वाला जनरल कन्सेंट वापस ले लिया है। ये राज्य हैं - छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और अब राजस्थान।

आखिर सीबीआई को केस कैसे मिलता है?

दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत सीबीआई सिर्फ केंद्र शासित प्रदेशों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है। राज्यों में जांच शुरू करने से पहले सीबीआई को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है।

ऐसे मिलता है सीबीआई को केस

-केंद्र सरकार खुद सीबीआई जांच का आदेश दे।

-हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को जांच के आदेश दे तो।

-राज्य सरकार केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश करे।

-किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो। इस केस को भी सरकार ही तय करती है।

-कौन- कौन राज्य सीबीआई से जनरल कन्सेंट वापस ले चुके हैं।

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छत्तीसगढ़: भूपेश बघेल की सरकार ने 2019 में जनरल कन्सेंट वापस लिया

छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला और राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी। इसके कुछ ही दिन बाद सरकार ने जनवरी 2019 में राज्य में सीबीआई जांच पर रोक लगा दिया। यानी बिना सरकार की अनुमति के सीबीआई की एंट्री राज्य में किसी भी तरह की जांच में नहीं होगी।

तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि एनडीए सरकार में सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है। राज्य के अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। इसलिए हमनें यह फैसला लेना पड़ा।

छत्तीसगढ़ ने 2001 में राज्य में सीबीआई को जांच की अनुमति

छत्तीसगढ़ ने 2001 में राज्य में सीबीआई को जांच की अनुमति दी थी। तब से लेकर 2018 तक सीबीआई ने राज्य के कई बड़े मामलों की जांच की। जिनमें रामावतार जग्गी हत्याकांड, बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और गरियाबंद के छुरा के उमेश राजपूत हत्या, एसईसीएल कोल घोटाला, आईएएस बीएल अग्रवाल रिश्वत कांड, भिलाई का मैगनीज कांड और कथित सीडी कांड शामिल है।

पश्चिम बंगाल: केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार भी बनता है कारण

पिछले साल सितंबर में पश्चिम बंगाल ने राज्य में सीबीआई जांच की दी गई अनुमति को वापस ले लिया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। दरअसल, चिट फंड घोटाले की जांच को लेकर पश्चिम बंगाल में केंद्र और राज्य सरकार के बीच काफी तकरार हुआ था।

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सीबीआई और बंगाल पुलिस आमने सामने आ गई थी, जिसके बाद सीबीआई के अधिकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था। तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं थी। इसके बाद पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। इससे पहले पश्चिम बंगाल ने 1989 में सीबीआई को राज्य में जांच की अनुमति दी थी।

आंध्र प्रदेश: एनडीए से अलग होने के बाद चंद्र बाबू नायडू ने जनरल कन्सेंट वापस लिया

साल 2018 में आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने सीबीआई जांच को दी गई सामान्य सहमति को वापस ले लिया था। केंद्र की एनडीए के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद नायडू ने यह फैसला लिया था। तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि आंध्र में नायडू ने अपने राज्य में सीबीआई को न आने देने का फैसला करके सही काम किया है। हालांकि, यह रोक ज्यादा दिन नहीं रह सका। पिछले साल मुख्यमंत्री जगमोहन रेड्डी ने फिर से सीबीआई को राज्य में जांच की अनुमति दे दी।

कर्नाटक: 8 साल तक नहीं दिया जनरल कन्सेंट

दिसंबर 1998 में कर्नाटक ने सीबीआई जांच को दी गई सामान्य सहमति वापस ले लिया था। तब राज्य में जनता दल की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे जेएच पटेल। उसके कुछ दिन बाद ही कांग्रेस की सरकार बनी और एसएम कृष्णा मुख्यमंत्री बने। लेकिन, उस सरकार ने भी सीबीआई को अनुमति नहीं दी।

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इसके बाद आठ साल तक कर्नाटक सरकार ने सीबीआई को यह सहमति नहीं दी। इसके साथ ही नागालैंड, सिक्किम और मिजोरम जैसे राज्य भी पहले सीबीआई जांच की अनुमति वापस ले चुके हैं। हालांकि, अभी इन राज्यों में सीबीआई जांच की अनुमति है।

इन मामलों की जांच सीबीआई कर चुकी है

सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है। यह कई बड़े मामलों की जांच कर चुकी है। जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस, आरुषि हत्याकांड, शारदा चिट फंड घोटाला, मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड, इशरत जहां एनकाउंटर केस शामिल हैं।

आंकड़े के मुताबिक सीबीआई के पास 1200 केस पेंडिंग

केंद्र सरकार के 2017 के आंकड़े के मुताबिक, लगभग 1200 केस अभी सीबीआई में पेंडिंग हैं। जून 2014 से जून 2017 के बीच सीबीआई को 791 केस मिले। यानी औसतन 263 केस हर साल मिले। इसमें 2014 में 207, 2015 में 326, 2016 में 151 और जनवरी से जून 2017 के बीच 107 केस सीबीआई को दिए गए।

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