Telangana New CM: रेवंत रेड्डी बनेंगे तेलंगाना के सीएम, इस दिन लेंगे शपथ
Telangana New CM: तेलंगाना में कांग्रेस को जीत दिलाने वाले रेवंत रेड्डी राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस पार्टी की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है।
Telangana New CM: तेलंगाना में बड़ी जीत हासिल कर पहली बार सरकार बनाने जा रही कांग्रेस ने सीएम पद का चुनाव कर लिया है। प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी राज्य के पहले कांग्रेसी मुख्यमंत्री होंगे। मंगलवार को दिल्ली में हुई पार्टी की बैठक में ये फैसला लिया गया, जिसमें राहुल गांधी के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार जैसे कई सीनियर नेता मौजूद थे। बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेेंस कर बताया कि रेवंत रेड्डी को तेलंगाना कांग्रेस विधायक दल का सीएलपी चुना गया है।
सीएम पद की रेस में शामिल अन्य प्रमुख दावेदारों को आलाकमान की ओर से अच्छा पोर्टफोलियो मिलने का भरोसा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी और भट्टी विकमार्क को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। दिल्ली से ये भी स्पष्ट किया गया है कि रेवंत रेड्डी पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे। रोटेशनल सीएम जैसे फॉर्मूले को लेकर चल रहे कयासों को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है।
कब लेंगे सीएम पद की शपथ
तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी सात दिसंबर की सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 2013 में राज्य गठन के बाद राज्य में ये तीसरा विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ है। पहली बार इस दक्षिणी सूबे में कांग्रेस की सरकार बन रही है। लिहाजा राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी आएंगे।
बता दें कि रेवंत रेड्डी ने कोडंगल और कामारेड्डी दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था। कोडंगल में उन्होंने बीआरएस प्रत्याशी पत्नम नरेंद्र रेड्डी को 32500 से अधिक मतों से चुनाव हरा दिया। कामारेड्डी में वे निर्वतमान सीएम केसीआर को टक्कर देने गए थे, जहां वे बुरी तरह हारे। यहां बीजेपी उम्मीदवार रमन्ना रेड्डी ने सबको चौंकाते हुए दोनों बड़े चेहरों को हरा दिया। रेवंत रेड्डी यहां तीसरे स्थान पर खिसक गए थे।
गांधी परिवार का करीबी होने का मिला फायदा
कई दलों में सियासी सफर तय करने के बाद कांग्रेस ज्वाइन करने वाले रेवंत रेड्डी ने पार्टी के सबसे बड़े पॉवर सेंटर गांधी फैमिली के साथ अपने रिश्ते को इतना गहरा बना लिया कि अन्य प्रमुख दावेदार पीछे रह गए। विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे तेलंगाना में रेड्डी कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा थे। इस जीत का सबसे बड़ा श्रेय उन्हें ही जाता है।
उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लगातार दो करारी शिकस्त और बीजेपी के उभार के कारण मृतप्राय हो चुके कांग्रेस संगठन को फिर से जिंदा खड़ा दिया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तमाम रैलियों में रेवंत रेड्डी हमेशा साथ नजर आए। हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर उनका डायरेक्ट और तीखा अटैक ने मुस्लिम वोट को भी कांग्रेस के पक्ष में गोलबंद कर दिया।
एबीवीपी से शुरू किया था सफर
54 वर्षीय रेवंत रेड्डी का जन्म अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर में 1969 में हुआ था। स्टूडेंट लाइफ में ही उन्होंने राजनीति में कदम रख दिया था। बीजेपी की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से उनके सियासी करियर का आगाज हुआ। 2007 तक वे भगवा खेमे में बने रहे। जिसे ओवैसी ने चुनाव प्रचार के दौरान बड़ा मुद्दा बनाते हुए उन्हें ‘आरएसएस अन्ना’ कहा था।
2009 में रेड्डी ने टीडीपी ज्वाइन कर ली और कोडंगल से इसी पार्टी के टिकट पर विधायक बने। टीडीपी ने आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध किया था, इसके बावजूद वे पार्टी में बने रहे और 2014 में एकबार फिर से विधायक बने। उन्हें तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी का नेता सदन चुना गया। रेवंत रेड्डी समझ गए थे कि तेलंगाना में टीडीपी का भविष्य नहीं है, इसलिए उन्होंने 2017 में पाल बदला और कांग्रेस में शामिल हो गए।
2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। हालांकि, अगले ही साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से मलकाजगिरी से चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। इसके बाद राज्य में उनका ग्राफ बढ़ता चला गया। 2021 में कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें राज्य में पार्टी की कमान सौंप दी।