CoronaVirus: ट्रेन के कंबलों से लग रहा यात्रियों को डर, बढ़ रहा संक्रमण का खतरा

एक तरफ जहां देशभर में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट है और सभी इसके फैलते संक्रमण से चिंतित हैं, पर रेलवे में बेडरोल के साथ दिए जा रहे कंबल कोरोना के खतरे में इजाफा कर रहे हैं। कारण यह कि बेडरोल के साथ मिलने वाले कंबलों की न तो नियमित धुलाई की व्यवस्था है और न ही इन्हें सेनिटाइज किया जा रहा है।

Update:2020-03-13 20:40 IST

नई दिल्ली एक तरफ जहां देशभर में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट है और सभी इसके फैलते संक्रमण से चिंतित हैं, पर रेलवे में बेडरोल के साथ दिए जा रहे कंबल कोरोना के खतरे में इजाफा कर रहे हैं। कारण यह कि बेडरोल के साथ मिलने वाले कंबलों की न तो नियमित धुलाई की व्यवस्था है और न ही इन्हें सेनिटाइज किया जा रहा है।

दरअसल, रेलवे में एसी क्लास के कोचों में हर यात्री को बेडरोल दिया जाता है जिसमें कंबल, चादर, तकिया और नेपकिन दिया जाता है। चादर और तकिए की खोली तो एक बार इस्तेमाल के बाद नए यात्री को धुलवा कर दी जाती है, लेकिन कंबलों को लेकर इस प्रकार की सावधानी नहीं रखी जाती है। कंबलों को एक के बाद एक यात्री लगातार इस्तेमाल करते हैं। साथ ही कंबलों की नियमित सफाई की मांग की है। हालांकि, रेलवे प्रशासन का दावा है कि कोरोना से बचाव को 400 बोगियों को सेनेटाइज किया गया है।

 

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ट्रेन की एसी बोगियों में सफर

ट्रेन की एसी बोगियों में सफर करने वालों को बेडरोल दिया जाता है। कंबल को छोड़कर लिनेन की हर बार धुलाई होती है। कंबलों की धुलाई महीने में एक बार ही होती है और हर पंद्रह दिन में इन्हें स्टेरलाइज किया जाता है। ऐसे में यात्रियों ने कोरोना का खतरा जताते हुए शिकायतें दर्ज कराई हैं। देवा रोड निवासी पूजा सिंह ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस में सफर के दौरान उन्हें जो कंबल दिया गया था उससे बदबू आ रही थी। शिकायत करने पर कंबल बदला गया।

ऐसी ही शिकायत पुणे जाने वाले अपूर्व दीक्षित ने की। बताया कि कंबल इस्तेमाल करने पर त्वचा पर रिएक्शन हो गया और दाने निकल आए। ऐसे समय में जब कोरोना का खतरा पूरे देश में फैला हुआ है, तब कंबलों की नियमित सफाई नहीं होने से खतरा बढ़ रहा है। एसी बोगियों में यात्रियों को दिए जाने वाले लिनेन की सफाई का मुद्दा कैग भी उठा चुकी है। इसकी रिपोर्ट में कहा गया था कि लिनेन की धुलाई हफ्तों नहीं होती और कई डिवीजन तो ऐसे हैं, जहां दो-दो साल तक लिनेन साफ नहीं किए गए।

गंदी जगह पर रखा जाता है, जिससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि, उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन का दावा है कि लखनऊ मंडल में लिनेन की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में नियमित रूप से सफाई होती है। चारबाग स्टेशन व लखनऊ जंक्शन पर कोरोना से सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। रेलवे प्रशासन की दलील है कि इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को सेनेटाइज करना बड़ी चुनौती है, पर इस ओर मंथन शुरू कर दिया गया है।

 

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कंबल की धुलाई

 

रेल यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल की धुलाई पहले दो महीने में होती थी। कैग के मामला उठाने पर हर माह धुलाई की जाने लगी। बावजूद इसके संक्रमण का खतरा है। डिवीजनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी मेंबर एसएस उप्पल ने आरोप लगाया कि लखनऊ से दिल्ली व मुंबई को एसी बोगियों में बड़ी संख्या में लोग सफर करते हैं। ऐसे में साफ लिनेन नहीं मिलने से संक्रमण की आशंका बढ़ रही है। चूंकि, कोरोना को लेकर खतरा बढ़ा हुआ है, इसलिए रेलवे को हर इस्तेमाल के बाद कंबल की सफाई करनी चाहिए।

पूर्वोत्तर रेलवे की पुष्पक एक्सप्रेस (12533) - कृषक एक्सप्रेस (15008/15007) - चंडीगढ़ एक्सप्रेस (15011) -लखनऊ भोपाल गरीब रथ (12593) - लखनऊ रायपुर गरीब रथ (12535) - काठगोदाम एक्सप्रेस (15043) व लखनऊ छपरा एक्सप्रेस (15054) - उत्तर रेलवे लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस(12231) - एसी एक्सप्रेस (12429) - गोमती एक्सप्रेस(12419)। उत्तर रेलवे में लिनेन की धुलाई मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में होती है। कंबलों की धुलाई हर महीने की जाती है। एहतियातन 400 बोगियों को सेनेटाइज किया गया है। यात्रियों की शिकायत पर दूसरे कंबल उपलब्ध कराए जाते हैं।

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