आर के लक्ष्मण ने बनाए कई यादगार कार्टून, जानिए इनके बारे में रोचक बातें
लक्ष्मण ने एशियन पेंट्स लिमिटेड समूह के लिए 1954 में "गट्टू" नामक एक लोकप्रिय चित्र भी बनाया। उन्होंने कुछ उपन्यास भी लिखे, जिनमें से पहला शीर्षक द होटल रिवेरा था। उनके कार्टून मिस्टर एंड मिसेज '55 और एक तमिल फिल्म कामराज जैसी हिंदी फिल्मों में दिखाई दिए हैं।
नई दिल्ली : भारत के शानदार कार्टूनिस्ट (Indian cartoonist) के रूप में प्रसिद्धि बनाने वाले आर के लक्ष्मण (R k lakshman) है। यह एक हास्यरस लेखक और व्यंग चित्रकार के रूप में जाने जाते थे। आर के लक्ष्मण का पूरा नाम रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण (Rasipuram Krishnaswami Iyer Laxman) है जिन्होंने भारतीय कार्टूनिस्ट के रूप में अपनी प्रसिद्धि बनाई । आज गणतंत्र दिवस के मौके पर यह भारतीय कलाकार हमारे बीच सदा- सदा के दूर हो गया। इनका निधन 26 जनवरी 2015 में हुआ था। आज इस मौके पर जानते हैं इनके बेहतरीन जीवन के बारे में।
इनका जीवनकाल
आर के लक्ष्मण का जन्म मैसूर में 24 अक्टूबर 1921 में हुआ था। इनके पिता एक अध्यापक के रूप में कार्य करते थे। यह अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे। इन्हें बचपन से ही चित्रकारी करने का बहुत शौक था। आपको बता दें कि यह अपने कला को बढ़ाने के लिए अपने घर की दिवारों पर, स्कूल की दिवारों पर, फूलों जैसे कई चीजों का चित्रण किया है। इन्होंने कलाकारी में अपना करियार बहुत कम समय में शुरू कर दिया था। साथ ही इन्होंने द स्ट्रैंड, पंच, बायस्टैंडर, वाइड वर्ल्ड और टिट - बिट्स जैसी पत्रिकाओं में चित्रकारी का कार्य किया था।
कार्टूनिस्ट बनने का करियर
आर के लक्ष्मण ने अपने पढ़ाई के दौरान अपने बड़े भाई आर के नारायण की कहानियों को द हिन्दू में चित्रित करना शुरू कर दिया था। इसके साथ उन्होंने स्थानीय और स्वतंत्रता के लिए कई राजनीतिक कार्टून बनाना शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि लक्ष्मण ने कन्नड़ हास्य पत्रिका कोरवंजी में कार्टून बनाने का कार्य किया है। उसके बाद लक्ष्मण में मुंबई में द फ्री प्रेस जनरल में राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में काम करने लगे। इस पत्रिका में बाल ठाकरे उनके साथी कार्टूनकार थे। आर के लक्ष्मण ने इस प्रेस में 50 साल काम किया। उन्होंने इस करियर में कई राजनीतिक कार्टून बनाए। यह "कॉमन मैन" के रूप में पहचान बनाई।
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आर के लक्ष्मण ने लिखे कई उपन्यास
लक्ष्मण ने एशियन पेंट्स लिमिटेड समूह के लिए 1954 में "गट्टू" नामक एक लोकप्रिय चित्र भी बनाया। उन्होंने कुछ उपन्यास भी लिखे, जिनमें से पहला शीर्षक द होटल रिवेरा था। उनके कार्टून मिस्टर एंड मिसेज '55 और एक तमिल फिल्म कामराज जैसी हिंदी फिल्मों में दिखाई दिए हैं। उनकी रचनाओं में मालगुडी डेज़ के टेलीविजन रूपांतरण के लिए तैयार किए गए रेखाचित्र भी शामिल हैं, जो उनके बड़े भाई आर के नारायण ने लिखा था। लक्ष्मण ने डेविड लो, टी.एस. एलियट, बर्ट्रेंड रसेल, जेबी प्रीस्टली और ग्राहम ग्रीन कई लेख भी लिखे हैं।
कई सम्मान से किया गया सम्मानित
भारतीय कार्टूनिस्ट कलाकार आर के लक्ष्मण की मृत्यु 93 वर्ष की आयु में 2015 में भारत के गणतंत्र दिवस पर पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में हुई थी। यह अपने जीवन में कई पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं। इन्होंने पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दुर्गा रत्न स्वर्ण पदक हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा मिला। इसके साथ इनको बी डी गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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