RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले, जब कोई युद्ध नहीं, तो फिर सैनिक क्यों हो रहे शहीद

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सरसंघचालक मोहन भागवत ने मौजूदा वक्त में सेना के जवानों की हो रही शहादत को लेकर सरकार को घेरा है। मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोई युद्ध नहीं हो रहा है तो फिर देश की सीमाओं पर सैनिक शहीद कैसे हो रहे हैं।

Update:2019-01-18 09:50 IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सरसंघचालक मोहन भागवत ने मौजूदा वक्त में सेना के जवानों की हो रही शहादत को लेकर सरकार को घेरा है। मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोई युद्ध नहीं हो रहा है तो फिर देश की सीमाओं पर सैनिक शहीद कैसे हो रहे हैं। आरएसएस प्रमुख ने नागपुर में प्रहार समाज जागृति संस्था के रजत जयंती कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि हम अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें.....70 करोड़ ज्यादा ई-मेल आईडी हैक? कहीं आप भी तो नहीं हुए शिकार? ऐसे करें चेक

भागवत ने आजादी के वक्त का भी किया जिक्र

जवानों की शहादत पर बोलते हुए मोहन भागवत ने आजादी के वक्त का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब देश को अंग्रेजों से आजादी नहीं मिली थी तो उस दौरान वतन की स्वतंत्रता के लिए जान कुर्बान का दौर था या फिर आजादी के बाद अगर कोई युद्ध हुआ या होता है तो वहां भी सीमा पर दुश्मनों से लड़ते हुए सैनिक अपनी जान की बाजी लगाते हैं और देश की सुरक्षा के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर देते हैं। इससे आगे मोहन भागवत ने मौजूदा हालात पर टिप्पणी करते हुए जवानों की शहादत पर सवालिया निशान लगा दिया।

यह भी पढ़ें.....इनसे भी जुड़ा इस शहर का नाता, बॉलीवुड से केवल नहीं मुंबई की पहचान

इसे रोकने के लिए सरकार उठाए कदम

उन्होंने कहा है कि जब किसी के साथ युद्ध नहीं हो रहा है, तो फिर बॉर्डर पर सैनिक शहीद कैसे हो रहे हैं? उन्होंने कहा कि अगर कोई युद्ध नहीं है तो कोई कारण नहीं है कि कोई सैनिक सीमा पर अपनी जान गंवाए। लेकिन ऐसा हो रहा है।' उन्होंने कहा कि इसे रोकने और देश को महान बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

मोहन भागवत का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासतौर पर जम्मू कश्मीर के संदर्भ में, जहां मोदी सरकार आतंक के सफाये को प्रमुखता से उठाती रही है और अपनी पीठ ठपठपाती रही है, ऐसे में सीमा पर जवानों की शहादत क्यों हो रही है की बहस को जन्म देकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार के दावों पर विपक्ष को चोट करने का मौका जरूर दे दिया है।

यह भी पढ़ें.....CBI से राकेश अस्‍थाना का हुआ तबादला, 3 और अफसर हटाए गए

गौरतलब है कि आरटीआई के जरिए गृहमंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों के दैरान यानी मई, 2014 से मई, 2017 तक सिर्फ जम्मू और कश्मीर में 812 आतंकवादी घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में 62 नागरिक मारे गए, जबकि 183 जवानों की शहादत हुई है।

Tags:    

Similar News