किसान विरोधः चुनाव वाले राज्यों में बीजेपी के विरोध के अलावा, अब होगा ये काम

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने एलान किया है कि 6 मार्च को आंदोलन के सौवें दिन में प्रवेश पर एक एक्सप्रेस वे पर रास्ता रोका जाएगा। स्वराज इंडिया के प्रमुख ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे को ब्लाक करने का फैसला लिया गया है।

Update: 2021-03-02 16:25 GMT
किसानों ने कहा है कि विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भारतीय जनता पार्टी का विरोध करेंगे तथा पश्चिम बंगाल में रैली निकाली जाएगी।

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: लंबे समय की चुप्पी के बाद दिल्ली में आंदोलनरत किसानों ने अपनी भावी रणनीति का खुलासा कर दिया है इस रणनीति के तहत आंदोलन के सौ दिन पूरे होने पर एक्सप्रेस वे पर बड़ा रास्ता जाम करने का एलान किया है। इसके साथ ही किसानों ने कहा है कि विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भारतीय जनता पार्टी का विरोध करेंगे तथा पश्चिम बंगाल में रैली निकाली जाएगी।

एक्सप्रेस वे पर रास्ता रोकेंगे किसान

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने एलान किया है कि 6 मार्च को आंदोलन के सौवें दिन में प्रवेश पर एक एक्सप्रेस वे पर रास्ता रोका जाएगा। स्वराज इंडिया के प्रमुख ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे को ब्लाक करने का फैसला लिया गया है। यह रास्ता रोको पांच घंटे का होगा।

इससे पहले पांच मार्च को एमएसपी दिलाओ अभियान कर्नाटक में शुरू किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री से फसलों के लिए एमएसपी देने को कहा जाएगा। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला प्रदर्शनकारी सभी विरोध स्थलों पर अग्रिम कतार में खड़ी नजर आएंगी।

ये भी पढ़ें...गुजरात निकाय चुनावः ओवैसी का परचम, क्या एकजुट हो रहे गुजरात के मुसलमान

12 मार्च को कोलकाता में जनसभा

नोट करने की बात यह है कि यह जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत नहीं योगेन्द्र यादव की ओर से दी गई है। यादव ने कहा है कि चुनव वाले राज्यों में किसानों से भाजपा और उसके घटक दलों को किसान विरोधी कानून लाने के लिए सजा देने की अपील की जाएगी। इस कार्यक्रम की शुरुआत 12 मार्च को कोलकाता में एक जनसभा से की जाएगी।

ये भी पढ़ें...हरियाणा ने बंद किये बाहरी कामगारों के रास्ते, लोकल को 75 फीसद आरक्षण

इसके अलावा किसान आंदोलन से ट्रेड यूनियनों के जुड़ने की बात करते हुए कहा गया है कि दस प्रमुख ट्रेड यूनियनों के किसान आंदोलन से जुड़ने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। 15 मार्च को देश के श्रमिक और कर्मचारी निजीकरण और कारपोरेटाइजेशन के खिलाफ सडकों पर उतरेंगे और किसान इसमें शामिल होंगे।

ये भी पढ़ें...गुजरात कांग्रेस में फिर बवंडर, प्रदेश अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, जानें कौन हैं अमित चावड़ा

गौरतलब है कि 26 नवंबर से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। और बीस जनवरी से उनकी सरकार के साथ वार्ता भंग चल रही है। किसानों को यह अंदेसा है कि सरकार की लम्बी चुप्पी किसानों के खिलाफ किसी बड़ी कार्रवाई का संकेत है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News