सऊदी का भारत को झटका: फिर महंगे होंगे पेट्रोल-डीजल, तेल का उत्पादन बढ़ाने से किया इनकार

Petrol-Diesel Prices: सऊदी ने साफ कर दिया है कि वो तेल की बढ़ती कीमतों (Oil Prices) को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा। उसके इस ऐलान ने दुनिया में खलबली मचा दी है।

Update: 2022-05-26 13:47 GMT

Petrol Diesel Price (Image Credit : Social Media)

Petrol-Diesel Prices: ईंधन की कीमतों में कटौती के ऐलान का अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है कि एकबार फिर पेट्रोल-डीजल के महंगे होने की संभावना प्रबल हो गई है। वैश्विक तेल बाजार (Gobal Oil Market) में लगातार बढ़ रहे कच्चे तल के भाव पर सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने बड़ा बयान दिया है। अमेरिका समेत वेस्ट के अन्य देशों के आग्रह को दरकिनार करते हुए सऊदी ने साफ कर दिया है कि वो तेल की बढ़ती कीमतों (Oil Prices) को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा। उसके इस ऐलान ने दुनिया में खलबली मचा दी है। भारत पर भी इसका पभाव पड़ना तय है।

सऊदी का तेल का उत्पदान बढ़ाने से इनकार

दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ने अमेरिका, भारत समेत उन देशों को जबरदस्त झटका दिया है, जो लगातार बढ़ रही महंगाई से परेशान हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन (Davos Summit 2022) में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि उनका देश कच्चे तेल (Crude Oil) के उत्पादन में कोई इजाफा नहीं करेगा। उन्होंने कहा, जहां तक हम जानते हैं, तेल की कोई कमी नहीं है। सऊदी अरब इस मामले में जो कर सकता था, वो उसने किया है।

तेल की कीमतों में आई उछाल और मंदी का खतरा

कोरोना महामारी (Corona Virus Mahamari) के कारण अंतराष्ट्रीय बाजार में एक समय कच्चे तेल की कीमतें काफी नीचे चली गई थी, जिससे तेल उत्पादक देशों को काफी नुकसान भी हुआ था। इसके बाद दुनिया के तेल उत्पादक देशों का समूह ओपेक ने अप्रैल 2020 में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। जो अब भी जारी है। इस बीच रूस- यूक्रेन जंग के कारण अमेरिका समेत पश्चिम के तमाम देशों ने रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा दिए। इस प्रतिबंध की जद में रूस का तेल भी आ गया।

बता दें कि रूस दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देशों में शुमार है। ऐसे में वैश्विक बाजार में अचानक तेल की कमी हो गई। गर्मी तेज पड़ने के कारण ईंधन की मांग में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन उस अनुपात में सप्लाई नहीं होने के कारण भाव लगातार चढ़ते गए। कच्चे तेल की कीमतें पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत बढ़ी हैं। अंतराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने चेतावनी दी है कि गर्मियों में तेल की मांग मं बढ़ोतरी वैश्विक मंदी का कारण बन सकती है। यही वजह है कि अमेरिका सऊदी अरब और यूएई से लगातार कई महीनों से तेल उत्पादन बढ़ाने की गुजारिश कर रहा है। जिसे इन खाड़ी देशों ने ठुकरा दिया है।

भारत पर असर

तेल की कीमतों से भारत पहले ही परेशान है। देश के अधिकतर हिस्सों में अब भी पेट्रोल 100 के पार तो डीजल शतक मारने के करीब है। ये हाल तब है जब महज कुछ दिन पहले सरकार ने इनकी कीमतों में बड़ी कटौती की थी। तब सरकार ने एक्साइज में कटौती करते हुए बढ़ी हुई कीमतों का कुछ भार अपने हिस्से में ले लिया था। लेकिन अगर अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें फिर बढ़तीं है, तो फिर आम उपभोक्ताओं पर इसका असर पड़ना तय है। आर्थिक जानकार मानते हैं कि तब देश में महंगाई की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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