चीफ जस्टिस नहीं करेंगे मोदी-शाह मामले की सुनवाई,जस्टिस खन्ना की बेंच करेगी सुनवाई

कांग्रेसी सांसद सुष्मिता देव ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग को पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन की कार्रवाई करने का निर्देश देने की गुहार की गई है।

Update: 2019-04-30 03:34 GMT

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों को लेकर दाखिल की गई याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुनवाई नहीं करेंगे। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की इस याचिका पर अब जस्टिस दीपक गुप्ता, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच सुनवाई करेंगे। हालांकि, चीफ जस्टिस राहुल गांधी के बयान पर दाखिल अवमानना केस की सुनवाई करेंगे। उनके साथ जस्टिस संजीव किशन कौल, जस्टिस के.एम. जोसेफ भी बेंच भी शामिल होंगे।

 

कांग्रेसी सांसद सुष्मिता देव ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग को पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन की कार्रवाई करने का निर्देश देने की गुहार की गई है। सुष्मिता का कहना है कि इस संबंध में शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद आयोग कार्रवाई नहीं कर रहा है।

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सिल्चर से सांसद और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी देकर कहा कि चुनाव आयोग की चुप्पी अप्रत्यक्ष रूप से चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करती है। सुष्मिता देव ने अपनी अर्जी में कहा कि चुनाव आयोग 'घृणा फैलाने वाले बयानों' 'राजनीतिक उद्देश्यों' के लिए सेना के शौर्य का इस्तेमाल करने के खिलाफ की गई शिकायत पर कार्रवाई करने में असफल रहा है

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई की गुहार की। सिंघवी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने केबाद कई बार चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया गया है लेकिन अब तक आयोग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

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उन्होंने कहा कि अब तक करीब 12 शिकायतें दर्ज की जा चुकी है। पीठ ने याचिका पर मंगलवार को विचार करने का निर्णय लिया है। सुनवाई की शुरुआत में सिंघवी ने मोदी और शाह का नाम नहीं लिया। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, आप साफ-साफ नाम क्यों नहीं लेते। कौन आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है। आप सांप-सीढ़ी का खेल न खेलें।’

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अपनी याचिका में सुष्मिता देव ने कहा कि यह सार्वजनिक है कि चुनाव प्रचार में मोदी और शाह लगातार नफरत फैलाने वाले बयान दे रहे हैं। लगातार सशस्त्र सेना का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट शब्दों में इस पर प्रतिबंध लगा रखा है।

याचिका में कहा गया कि चुनाव आचार संहिता का खुले आम उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री ने गुजरात में तीसरे चरण के मतदान वाले दिन (23 अप्रैल) को रैली की। सुष्मिता ने यह दावा किया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कम से कम 40 बार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। लेकिन आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

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