देश में दौड़ा खतरा: दूसरी लहर से दहशत में आया देश, लोग कर रहे पलायन

आबादी की तुलना में कोरोना के जितने केस आ रहे हैं उससे स्थिति बहुत भयावह दिख रही है. कोरोना की दूसरी लहर की वजह लोगों की लापरवाही और सर्दियों के मौसम की शुरुआत बताई जा रही है.

Update: 2020-11-01 09:13 GMT
बृहस्पतिवार को ही दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें दिल्ली में कोरोना से बिगड़ते हालात के बारें में जानकारी दी थी।

लखनऊ। फ़्रांस, जर्मनी, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और इटली में कोरोना महामारी की दूसरी लहर आ गयी है. नयी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक और घातक बताई जा रही है जिसके चलते लोगों में दहशत है और आलम ये है कि लोग बड़े महानगरों से भागने लगे हैं. आबादी की तुलना में जितने केस आ रहे हैं उससे स्थिति बहुत भयावह दिख रही है. कोरोना की दूसरी लहर की वजह लोगों की लापरवाही और सर्दियों के मौसम की शुरुआत बताई जा रही है.

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इन देशों की हालत ख़राब

फ़्रांस की राजधानी पेरिस से भाग कर लोग गांव- कस्बों का रुख कर रहे हैं जिसके चलते पेरिस से निकलने वाले हाई वे पर 700 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है. लोगों के पलायन का एक कारण महीने भर का लॉकडाउन भी है.

यूनाइटेड किंगडम में भी सरकार ने एक महीने का लॉक डाउन लगा दिया है. बेल्जियम, इटली, जर्मनी में भी हालत ख़राब है और वहां तमाम शहरों में आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है.

डरावने आंकड़े

साढ़े छह करोड़ की जनसँख्या वाले फ़्रांस में अब तक 13 लाख 67 से ज्यादा केस आ चुके हैं और बीते एक दिन में 50 हजार नए केस आये हैं. प्रति व्यक्ति के हिसाब से फ्रांस में अमेरिका की तुलना में ढाई गुना ज्यादा केस आ रहे हैं.

फोटो-सोशल मीडिया

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शुक्रवार से यहाँ सरकार ने लॉक डाउन लगा दिया है क्योंकि जिस रफ़्तार से मामले बढ़ रहे हैं उससे देश के हेल्थ सिस्टम के बैठ जाने का ख़तरा हो गया है. लॉकडाउन में सिर्फ उन्हीं लोगों को सड़क पर आने की इजाजत है जिनके पास लिखित अनुमति होगी. लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर तगड़ा जुर्माना लगाया जा आ रहा है.

डब्लूएचओ ने फ़्रांस के लॉकडाउन को अंतिम उपाय बताया है. संगठन के यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ हांस क्लुग ने कहा है कि लोगों की मानसिक स्थिति, घरेलू हिंसा और आर्थिक असर को देखते हुए लॉकडाउन अंतिम उपाय है.

दूसरी ओर फ्रेंच प्रेसिडेंट मैक्रों ने कहा है कि जिस स्पीड से वायरस फ़ैल रहा उसका अनुमान किसी ने नहीं लगाया था. उन्होंने कहा – हमारे पड़ोसी देशों की तरह हम भी दूसरी लहर झेल रहे हैं जो कि निश्चित ही ज्यादा घातक है.

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बेल्जियम

कोरोना की लहर झेलने वाला फ़्रांस अकेला नहीं है. बेल्जियम में प्रति एक लाख लोगों में रोजाना 150 केस आ रहे हैं. फ्रांस में ये अनुपात 62 लोगों का है. बेल्जियम में भी सख्त उपायों की ऐलान किया जा सकता है.

इटली

इटली में कोरोना मामलों में बहुत तेजी आ गयी है और वहां सरकार ने पिछले हफ्ते से ही आंशिक लॉकडाउन लगा रखा है. जिन शहरों में संक्रमण का प्रकोप ज्यादा है वहां लोगों के आवागमन पर अब रोक लगा दी गयी है. मिलान, नेपल्स, बोलोना, टुरिन और रोम में स्थिति बिगड़ रही है इसलिए वहां और सख्त उपाय किये जाने की सम्भावना है.

इस बीच इटली सरकार ने लोगों को नौकरी से निकाले जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है और कहा है संस्थानों को सरकार अगले साल मार्च तक फंडिंग करेगी. इटली में वृद्ध लोगों की मदद और संक्रमण से उनकी सुरक्षा के विशेष उपाय किये जा रहे हैं.

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