क्रैश साइट पर सेल्फी लेने व सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले होंगे गिरफ्तार
अनिल कुमार झा, एसपी ट्रैफिक, नोएडा का इस मामले में कहना है कि अब ऐसे लोगों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 179 और 122 के तहत चालान तो काटा ही जाएगा साथ में विशेष मामलों में इन तमाशबीनों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
नई दिल्ली: यह तो अक्सर देखा गया है कि जब भी कोई सड़क पर एक्सीडेंट होता है तो लोग वहां खड़े होकर बस तमाशबीन बनकर क्रैश साइट पर सेल्फी और फोटो लेते हैं और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पैसे कमाते हैं।
यह भी पढ़ें: अब बुआ-बबुआ आए CBI जांच के घेरे में, क्या उपचुनाव में पड़ेगा असर!
ऐसा ही एक मामला नोएडा पुलिस के सामने आया। नॉएडा पुलिस ने तमाम क्रैश साइट को देखकर पाया कि एक्सीडेंट होने पर तमाशबीन न केवल आड़े तिरछे गाड़ियां खड़ी करके रेस्क्यू में बाधा पहुंचाते हैं बल्कि क्रैश साइट की सेल्फी और फोटो लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करके पैसा बनाते हैं।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक: आज शुरू हो रहा विधानसभा सत्र, ‘स्वामी’ पर संकट जारी, SC में होगी सुनवाई
ऐसे में अब ईको 1 और ईको 2 नाम की दो टीमें एक्सप्रेस वे पर लगातार नजर रखी हुई हैं। इस मामले पर अनिल कुमार झा, एसपी ट्रैफिक, नोएडा ने साफ़ कह दिया है कि अब उन लोगों की भी वीडियो बनाई जाएगी जो घायल को रेस्क्यू करने के बजाये सबसे पहले उनका वीडियो बनाते हैं और वहां खड़े रहते हैं।
यह भी पढ़ें: दबंग गर्ल के घर अचानक पहुंची पुलिस, क्या सोनाक्षी जाएंगी जेल?
अनिल कुमार झा, एसपी ट्रैफिक, नोएडा का इस मामले में कहना है कि अब ऐसे लोगों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 179 और 122 के तहत चालान तो काटा ही जाएगा साथ में विशेष मामलों में इन तमाशबीनों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
यह भी पढ़ें: RBI के सर्वे ने किया खुलासा: देश के इस शहर में मिलते हैं सबसे सस्ते घर
इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर क्रेश साइट की फोटो या वीडियो शेयर करने वाले पर न केवल 5000 रुपये का चालान हो सकता है बल्कि करीब तीन महीने के लिए उनका लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: हार के बाद टीम इंडिया में मतभेद, जानें कौन जाएगा बाहर और कौन है अंदर
वहीं, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ने कहा कि जब भी वो क्रैश साइट पर जाते हैं तो एक टीम मेंबर पहले साइट पर फंसे व्यक्ति को निकालता है, जबकि दूसरा उसे अस्पताल पहुंचाता है। इस दौरान तीसरा क्रैश साइट की वीडियो बनाता है, जिससे की तमाशबीनों की पहचान की जा सके।