रोहिंग्या मुसलमानों पर सनसनीखेज खुलासा, चल रहा था ये खतरनाक काम

तेलंगाना के 127 लोगों को भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजने पर बवाल मच गया है। इसकी वजह से इस मामले पर आधार प्राधिकरण को गुरुवार को अपनी सुनवाई रद्द करनी पड़ी।

Update: 2020-02-21 10:36 GMT

नई दिल्ली: तेलंगाना के 127 लोगों को भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजने पर बवाल मच गया है। इसकी वजह से इस मामले पर आधार प्राधिकरण को गुरुवार को अपनी सुनवाई रद्द करनी पड़ी।

दरसअल आधार प्राधिकरण ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई के लिए एक हॉल किराये पर लिया था जहां कई लोग आए थे, लेकिन बाद में आधार प्राधिकरण ने सुनवाई का कार्यक्रम रद्द कर दिया।

अब नोटिस को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सत्तार खान नाम के शख्स को आधार अथॉरिट ने नोटिस भेजा जिस पर विवाद बढ़ गया। उसे पुलिस जांच का सामना करना पड़ा रहा है और लोग उसे संदेह की नजर से देख रहे हैं।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार के नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड दिलाने में मदद करने के आरोप में सत्तार खान के खिलाफ 6 फरवरी 2018 को मामला दर्ज किया गया था।

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एफआईआर में लिखा गया है कि म्यांमार के नागरिक नजरूल इस्लाम ने हैदराबाद के पते से काल्पनिक नाम से वोटर कार्ड बनवाया था। बाद उसने म्यांमार की रहने वाली अपनी पत्नी प्रवीन के लिए काल्पनिक नाम पर आधार कार्ड भी बनवा लिया। मकान मालिक सत्तार की मदद से उसने पासपोर्ट भी बनवाया है।

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इस मीडिया रिपोर्ट में कहा गया गया है कि मामले की जांच करने वाले अफसरों का आरोप है कि मोहम्मद सत्तार खान ने फर्जी भारतीय दस्तावेजों के लिए रोहिंग्या प्रवासियों को अपना पता और दस्तावेज दिए थे। इस मामले सत्तार और रोहिंग्या आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पुलिस ने आधार प्राधिकरण को पत्र लिखकर कार्ड रद्द करने का अनुरोध किया।

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