देश में जल्द मिलेगी वैक्सीन: सीरम ने मांगी इस्तेमाल की इजाजत, बनी पहली ऐसी कंपनी

सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया ने DCGI से कोविड-19 वैक्सीन 'कोविशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी है। ऐसा करने वाली सीरम देश की पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है। 

Update: 2020-12-07 06:37 GMT
देश में जल्द मिलेगी वैक्सीन: सीरम ने मांगी इस्तेमाल की इजाजत, बनी पहली ऐसी कंपनी

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच लोग बेसब्री से कोरोना वायरस वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) ने वैक्‍सीन के इमरजेंसी इस्‍तेमाल की इजाजत मांगी है। बता दें कि ऐसा करने वाली सीरम देश की पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है। सूत्रों के मुताबिक, सीरम इंस्‍टीट्यूट ने DCGI यानी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी है।

'कोविशील्ड' के लिए मांगी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत

आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन 'कोविशील्ड' का इंडिया में ट्रायल और उत्पादन कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इसी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्‍तेमाल के लिए सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अनुमति मांगी है। इसके लिए सीरम ने महामारी के दौरान तत्‍कालिक मेडिकल जरूरतों और व्यापक स्तर पर जनता के हित का हवाला दिया है।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

गंभीर मरीजों पर भी असरदार है वैक्सीन

वहीं कंपनी ने क्लीनिकल परीक्षण के चार डाटा में जानकारी दी है कि कोविड-19 वैक्सीन 'कोविशील्ड' लक्षण वाले मरीजों और कोरोना के गंभीर मरीजों के मामले में काफी ज्यादा असरदार है। बता दें कि अभी एक दिन पहले अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने भी भारतीय दवा नियामक से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी। हाल ही में सीरम के CEO अदार पूनावाला ने कहा था कि कोविशील्ड वैक्सीन ट्रायल में 90 प्रतिशत तक असरदार साबित हुई है। जो कि जल्द सभी के लिए उपलब्ध होगी।

दस करोड़ खुराक का किया गया समझौता

साथ ही सीआईआई के सीईओ ने यह भी दावा किया था कि एस्ट्राजेनेका से वैक्सीन के दस करोड़ खुराक का समझौता किया गया है। जनवरी तक कोविशिल्ड की कम से कम 100 मिलियन डोजेस उपलब्ध होगी, जबकि फरवरी महीने के अंत तक इसकी सैकड़ों मिलियन खुराक तैयार किए जाने की संभावना है। वहीं बीते दिनों एस्ट्राजेनेका ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से कम आय वाले देशों में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

मोदी सरकार ने 1.6 अरब वैक्सीन का दिया ऑर्डर

वहीं सरकार ने भी कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए वैक्सीन को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। मोदी सरकार (Modi Government) ने बाजार में आने से पहले ही वैक्सीन के लगभग 1.6 अरब डोज का ऑर्डर दे चुकी है। ऑर्डर देने के लिहाज से भारत पहले नंबर पर है।

आठ वैक्सीन का चल रहा है क्लिनिकल ट्रायल

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा था कि देश में कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन बन सकती है। बता दें कि मौजूदा समय में देश में कुल आठ वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इन सभी टीकों का देश में ही उत्पादन होना है। इनमें से तीन को भारत में ही विकसित किया गया है।

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