चौंकाने वाली रिपोर्ट: आपको नहीं पता चलेगा कोरोना के लक्षण, तेजी से हो रही मौतें

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर अमेरिका के प्रसिद्ध वायरलॉजिस्ट और बायोटेक इन्वेस्टर पीटर कोलचिन्स्की ने इससे जुड़ीं कई महत्वपू्र्ण जानकारियां दीं।

Update: 2020-04-21 06:02 GMT
कोरोना

नई दिल्ली: दुनियाभर में महामारी कोरोना ने तबाही मचा रखी है। सभी प्रयासों के बाद ये संक्रमण रूकने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर अमेरिका के प्रसिद्ध वायरलॉजिस्ट और बायोटेक इन्वेस्टर पीटर कोलचिन्स्की ने इससे जुड़ीं कई महत्वपू्र्ण जानकारियां दीं। बीते कुछ दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़े जिस तर्क की सबसे अधिक चर्चा हो रही है- वो है बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमण के मामले की।

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बिना लक्षण वाले मामले सबसे बड़ी चुनौती

महामारी के भारत समेत पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में उन लोगों की मौत हो गई है जो कोरोना वायरस से संक्रमित तो हैं लेकिन उनमें किसी भी तरह के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए। ऐसे में मशहूर वॉयरलॉजिस्ट पीटर कोलचिन्स्की ने भी कोरोना वायरस के बिना लक्षण वाले मामलों को सबसे बड़ी चुनौती बताया है।

वायरलॉजिस्ट पीटर कोलचिन्स्की ने बताया कि कोरोना वायरस को इसलिए सबसे शातिर कहा जा सकता है क्योंकि यह लोगों को चुपचाप संक्रमित कर दे रहा है। यह इंसानों के श्वसन तंत्र में पहुंचकर तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने लगता है।

आगे वायरलॉजिस्ट पीटर ने बताया, कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर कई लोगों में कोई लक्षण ही नहीं दिखते हैं जिसकी वजह से संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करने का काम मुश्किल हो जाता है।

जब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में लक्षण दिखते हैं, तब तक यह अपना संक्रमण दूसरों में भी फैलाना शुरू कर देता है। कुछ लोगों में इसके बेहद हल्के लक्षण ही नजर आते हैं जिसकी वजह से ये पकड़ में आने से बच जाता है।

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आसानी से किसी शख्स में फैल सकता

इसके बाद वायरलॉजिस्टर पीटर ने बताया कि ए-सिम्प्टमैटिक यानी बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों से वायरस बड़ी आसानी से किसी शख्स में फैल सकता है। ये बात करते वक्त भी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। मुझे लगता है कि वायरस के संक्रमण में हमें अपनी भूमिका को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा। अगर आप सावधानी बरतते हैं तो आप दूसरों की भी भलाई कर रहे हैं।

वायरलॉजिस्ट पीटर ने कहा कि अगर 80 फीसदी लोग ए-सिम्प्टमैटिक (बिना लक्षण वाले मामले) हैं तो दुनिया में मृत्यु दर 1 फीसदी हो सकती है। लेकिन समस्या ये है कि अगर दुनिया में 0.2 फीसदी भी मरते हैं तो बहुत ज्यादा लोगों की मौत होगी।

इसी के साथ आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने भी सोमवार को इस बात को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के 80 फीसदी मामले बिना लक्षण वाले मामले ही हैं।

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बेहद हल्के लक्षण

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने कहा, अगर 100 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होता है तो उनमें से 80 फीसदी में या तो कोई लक्षण नहीं है या तो बेहद हल्के लक्षण हैं।

डॉ. गंगाखेड़कर ने कहा कि ये भारत के लिए सबसे चिंताजनक बात है. बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों का पता लगाने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के अलावा कोई और रास्ता नहीं रह जाता है.

ऐसे में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस खतरे को लेकर आगाह किया था। दिल्ली सीएम ने कहा कि राज्य में 186 कोरोना संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं दिखे।

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ए-सिम्प्टमैटिक मरीज किसी ना किसी के संपर्क में आया होगा

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक ने कहा कि देश की बड़ी आबादी को देखते हुए हर किसी का टेस्ट करना संभव नहीं है। हमें ये याद रखना होगा कि ए-सिम्प्टमैटिक मरीज भी किसी ना किसी के संपर्क में आया होगा।

अगर लैब कन्फर्म या लक्षण वाले मरीज पूरी सावधानी बरतते हैं तो दूसरों में संक्रमण नहीं फैलेगा। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। अभी तक विज्ञान में ए-सिम्प्टोमैटिक की पहचान संभव नहीं हो पाई है। ऐसे में लक्षण ना दिखाई देने पर भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना होगा।

बता दें कि वैज्ञानिकों के अनुसार, साल के अंत तक वैक्सीन बन सकती है। लेकिन सबसे पहले यह स्वास्थ्कर्मियों और कोरोना के गंभीर खतरे में आने वाले लोगों की दी जाएगी।

उसके बाद अगले साल की पहली तिमाही तक ये बाकी लोगों को भी मिल सकती है। लेकिन अभी ऐसा होने के लिए बहुत समय है। तब तक हमें स्थितियों को काबू करना पड़ेगा।

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