1984 के दंगों में कमलनाथ पर लगे आरोपों की जांच के लिये SIT से कहा गया: सिरसा

दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिये गठित एसआईटी से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ के खिलाफ लगे आरोपों की नए सिरे से जांच के लिये कहा है।

Update: 2019-06-15 17:49 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिये गठित एसआईटी से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ के खिलाफ लगे आरोपों की नए सिरे से जांच के लिये कहा है।

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गृह मंत्रालय के साथ ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इस बारे में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजौरी गार्डन से भाजपा-शिअद विधायक सिरसा ने यह भी दावा किया कि कमलनाथ के खिलाफ “मजबूत साक्ष्य” हैं।

भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का आरोप रहा है कि कमलनाथ दंगों में शामिल थे लेकिन कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी इन आरोपों से इनकार करती रही है।

सिरसा ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के जरिये तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष यह मामला उठाया था और दिसंबर 2018 में इस संदर्भ में एक पत्र भी लिखा था।

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उन्होंने कहा कि एक नवंबर 1984 को गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में भीड़ ने दो सिखों को जिंदा जला दिया था।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के प्रमुख सिरसा ने कहा कि उन्होंने एसआईटी के समक्ष यह मामला उठाया था, जिसने कहा था कि उसका अधिकारक्षेत्र उन मामलों तक ही सीमित है जो साक्ष्यों के अभाव में बंद हो गए हैं।

सिरसा ने कहा, “तब, मैंने गृहमंत्रालय के समक्ष यह मामला उठाया था, जिसने अब एसआईटी से कमलनाथ के खिलाफ मामलों की जांच के लिये कहा है और उसने इस संदर्भ में अधिसूचना भी जारी की है जिसमें एसआईटी की जांच का दायरा बढ़ाने की बात है।”

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