Karnataka News: कांग्रेस की जीत और कानुगोलू की रणनीति
Karnataka News: कर्नाटक की जीत की वजह के पीछे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, स्थानीय नेता या बोम्मई सरकार पर "40 प्रतिशत कमीशन" का आरोप ने भी भूमिका निभाई है लेकिन एक महत्वपूर्ण भूमिका सुनील कानुगोलू ने निभाई है। वह कांग्रेस पार्टी के मुख्य चुनाव रणनीतिकार हैं, जिन्हें संभावित उम्मीदवारों का फैसला करने का महत्वपूर्ण काम सौंपा गया।
Karnataka News: चुनाव अब सिर्फ नेताओं के दम नहीं जीते जाते बल्कि इसमें किसी कॉरपोरेट प्लानिंग की तरह मैनेजमेंट रणनीति का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। भारतीय राजनीति में प्रशांत किशोर उर्फ पीके इस संबंध में काफी नाम कमा चुके हैं। अब चुनावी स्ट्रैटजिस्ट के रूप में सुनील कानुगोलू झंडा गाड़े हुए हैं। सुनील कानुगोलू कभी भाजपा के लिए काम कर चुके हैं लेकिन अब कांग्रेस के साथ हैं और उनकी रणनीतियों को कर्नाटक की जीत का एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जा रहा है।
कर्नाटक की जीत की वजह के पीछे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, स्थानीय नेता या बोम्मई सरकार पर "40 प्रतिशत कमीशन" का आरोप ने भी भूमिका निभाई है लेकिन एक महत्वपूर्ण भूमिका सुनील कानुगोलू ने निभाई है। वह कांग्रेस पार्टी के मुख्य चुनाव रणनीतिकार हैं, जिन्हें संभावित उम्मीदवारों का फैसला करने का महत्वपूर्ण काम सौंपा गया।
प्रभावशाली शख्सियत
कानुगोलू भले ही राज्य में लोगों की नजर में न आए हों, लेकिन उनके प्रभाव और रणनीतिक कौशल ने उन्हें आज कांग्रेस पार्टी में सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक बना दिया है। मीडिया की नज़रों से दूर कानुगोलू ने खुद को राहुल गांधी के एक विश्वसनीय सलाहकार के रूप में स्थापित किया है, खासकर चुनाव से संबंधित मामलों में।
कानुगोलू इसके पहले भारतीय जनता पार्टी के साथ काम कर चुके हैं। वे पिछले साल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। कानुगोलू के इस फैसले से भगवा पार्टी के नेतृत्व में कई लोगों को झटका लगा था। बहरहाल, उन्होंने मुख्य रूप से अपने गृह राज्य कर्नाटक पर ध्यान केंद्रित करते हुए कांग्रेस में रणनीति विभाग के प्रमुख की भूमिका निभाई। उनका उद्देश्य स्पष्ट था: अपने विरोधियों को शांत करना और पार्टी के भीतर अधिक महत्वपूर्ण भूमिका सुरक्षित करना।
राहुल और प्रियंका की बैकिंग
कांग्रेस में शामिल होने के बाद कानुगोलू को राहुल गांधी और प्रियंका का पूर्ण समर्थन मिला। कानुगोलू ने जल्द ही कर्नाटक में भाजपा सरकार को हटाने के लिए चुनाव विशेषज्ञों की एक टीम को इकट्ठा किया। बताया जाता है कि ये टीम रोजाना 20 - 20 घण्टे काम करती थी। कानुगोलू ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के नेतृत्व में कर्नाटक कांग्रेस के भीतर प्रतिद्वंद्वी गुटों को एक साथ लाने में रणनीतिक कौशल और क्षमता दिखाई।
हैं कौन कानुगोलू
कर्नाटक के बेल्लारी के रहने वाले कानुगोलू एक प्रसिद्ध परिवार से आते हैं और उन्होंने अमेरिका में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की है। भारत लौटने के बाद वे गुजरात में राजनीतिक रणनीतियों में शामिल हो गए और एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स (एबीएम) का नेतृत्व किया। 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रणनीतिकारों में से एक के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अत्यधिक सफल भाजपा अभियान को संभाला। कानुगोलू तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के साथ भी जुड़े थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके अभियान के चलते स्टालिन की पार्टी की बड़ी जीत हुई थी।