Supreme Court: बिहार सरकार को SC से झटका, जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार

Supreme Court: बिहार में जातीय जनगणना पर नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक को हटाने से इनकार कर दिया।

Update:2023-05-18 13:20 IST
सुप्रीम कोर्ट ( सोशल मीडिया)
Supreme Court: बिहार में जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक को हटाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील से कहा कि हाइकोर्ट में 3 जुलाई को सुनवाई होनी है, वहाँ अपनी दलील रखिये। अगर पटना हाईकोर्ट तय समय पर सुनवाई नहीं करता है तो बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट आ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अपने पास रख लिया है। 14 जुलाई को सुनवाई करेगा।
बिहार में जातीय जनगणना को लेकर आज गुरुवार (18 मई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जातीय जनगणना पर रोक के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार सरकार द्रवारा दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में नीतीश सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करने के लिए दो सदस्सीय बेंच का गठन किया है। जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद को इस मामले से किया अलग

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई टल गई थी, क्योंकि जस्टिस संजय करोल ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया। जस्टिस करोल को 6 फरवरी 2023 को पटना होईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था।। उन्होने कहा कि इस मामले को हाईकोर्ट में निपटाया था। अब इस मामले में नई बेंच का गठन किया जाएगा।

पटना हाईकोर्ट से राज्य सरकार को लगा था झटका

बिहार की तमाम पार्टियां लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थीं। बिहार की नीतीश सरकार ने जातिगत जनगणना की तरफ कदम बढ़ा दिए थे, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को करारा झटका देते हुए इस पर रोक लगा दी थी।

4 मई को पटना हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

बता दें कि बिहार में नीतीश सरकार द्वारा करवाई जा रही जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने 4 मई को आदेश जारी करते हुए रोक लगा दी थी। पटना हाईकोर्ट ने इस संबंध में दायर की गई विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह जाति-आधारित गणना को तुरंत रोक दे और यह सुनिश्चित करे कि पहले से ही एकत्र किए गए डेटा को सुरक्षित रखा जाए और अंतिम आदेश पारित होने तक किसी के साथ साझा न किया जाए। हाईकोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख निर्धारित की थी।

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