Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने BBC पर बैन लगाने की मांग ठुकराई, याचिका को पूरी तरह गलत और अतार्किक बताया

Supreme Court: याचिका में मांग की गई थी कि बीबीसी और बीबीसी इंडिया के देश में प्रसारण पर बैन लगाया जाना चाहिए क्योंकि बीबीसी ने देश में अशांति फैलाने की साजिश के तहत डॉक्यूमेंट्री का निर्माण किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-02-10 11:04 GMT

Supreme Court rejects the demand to ban BBC (Social Media)

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने देश में बीबीसी पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। शीर्ष अदालत ने हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की दायर इस याचिका को खारिज करते हुए देश में बीबीसी पर बैन लगाने की मांग को पूरी तरह गलत और अतार्किक बताया। याचिका में 2002 के गुजरात दंगों को लेकर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को देश को अस्थिर बनाने की साजिश बताया गया था।

याचिका में मांग की गई थी कि बीबीसी और बीबीसी इंडिया के देश में प्रसारण पर बैन लगाया जाना चाहिए क्योंकि बीबीसी ने देश में अशांति फैलाने की साजिश के तहत डॉक्यूमेंट्री का निर्माण किया है।

केंद्र सरकार की ओर से बीबीसी के इस डॉक्यूमेंट्री पर पहले ही बैन लगाया जा चुका है और इसकी स्क्रीनिंग को लेकर देश में कई स्थानों पर बवाल हो चुका है। इस बैन के संबंध में भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है और इस संबंध में शीर्ष अदालत की ओर से केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल बैन हटाने से इनकार कर दिया है।

हिंदू सेना के अध्यक्ष ने दाखिल की थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने देश में बीबीसी पर पूरी तरह बैन लगाने की याचिका को खारिज करते हुए इस संबंध में दी गई दलीलों पर असहमति जताई। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की इस याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि याचिका में की गई मांग पूरी तरह गलत और अतार्किक है। याची की ओर से दलील देते हुए वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की टाइमिंग पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारत ने पूरी दुनिया में अपनी जगह बना ली है और देश एक आर्थिक सुपरपावर के रूप में उभर रहा है। भारतीय मूल के शख्स को ही ब्रिटेन में भी प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है। ऐसे समय में बीबीसी की ओर से साजिश के तहत इस तरह की डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है। याचिका में यह मांग भी की गई थी कि एनआईए को बीबीसी के खिलाफ जांच का आदेश दिया जाए।

बीबीसी पर भारत विरोधी एजेंडे का आरोप

याची की ओर से दलील दी गई कि बीबीसी की ओर से भारत विरोधी एजेंडा चलाया जा रहा है। याची की वकील की ओर से दलील दी गई कि भारत विरोधी ताकतों को भारत का आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरना बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसीलिए इस तरह की डॉक्यूमेंट्री बनाकर बीबीसी की ओर से भारत विरोधी माहौल बनाने की साजिश रची गई है।

याचिका पर सुनवाई की शुरुआत में ही जस्टिस खन्ना ने याचिका पर हैरानी जताते हुए कहा कि क्या आप हमसे यह उम्मीद कर रही हैं कि हम किसी प्रसारण संस्था पर प्रतिबंध लगा देंगे। इस पर पिंकी आनंद ने जवाब दिया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकार को इस संबंध में आदेश दिया जा सकता है। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत अदालत की ओर से इस तरह का आदेश दिया जा सकता है।

हालांकि अदालत याची की वकील की ओर से दी गई दलीलों पर असहमति जताई और कहा कि याचिका का कोई ठोस आधार नहीं है। इसके बाद शीर्ष अदालत की बेंच ने बीबीसी पर बैन लगाने की मांग खारिज कर दी।

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