MS Dhoni: सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र सिंह धोनी को भेजा नोटिस, जानें क्या है मामला

MS Dhoni: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप मामले को लेकर धोनी और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी किया है। दरअसल एमएस धोनी को आम्रपाली ग्रुप से 150 करोड़ रूपये लेने हैं

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-25 18:46 IST

महेंद्र सिंह धोनी (photo : social media ) 

MS Dhoni: घाटे में चल रही रियल इस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप (Amrapali Group) और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के बीच जारी लेन-देन का मामला एक बार फिर खबरों में है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले को लेकर धोनी और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी किया है। दरअसल एमएस धोनी (MS Dhoni) को आम्रपाली ग्रुप से 150 करोड़ रूपये लेने हैं। धोनी का आरोप है कि कंपनी का ब्रैंड एंबेसडर रहने के दौरान उन्हें कई सालों से भुगतान नहीं हुआ। शुरू में दोनों के बीच ये मुकदमा दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में चल रहा था।

धोनी के बकाए 150 करोड़ रूपये के भुगतान पर उठाया सवाल

जहां हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस वीणा बीरबल (Retired Justice Veena Birbal) की अगुवाई में एक कमेटी बनाकर इस मसले को सुलझाने का जिम्मा सौंपा था। जब कमेटी का गठन किया गया था तब आम्रपाली ग्रुप के उन ग्राहकों ने जिन्हें भुगतान करने के बावजूद फ्लैट नहीं मिला, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाया। जहां उन्होंने धोनी के बकाए 150 करोड़ रूपये के भुगतान पर सवाल उठाया।

सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित पक्ष की दलील

पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) द्वारा गठित कमिटी के समक्ष एमएस धोनी अपने बकाए 150 करोड़ रुपये का मामला ले गए हैं। धोनी कंपनी के ब्रांड एंबेसडर थे, इसके ही पैसे उन्हें मिलने हैं। ऐसे में पहले से ही फंड की कमी से जूझ रहा आम्रपाली ग्रुप धोनी के बकाये को देने में पैसे खर्च करेगा तो उन्हें फ्लैट नहीं मिल पाएगा।

शीर्ष अदालत ने इस दलील को सुनने के बाद माही और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी किया है और अपना पक्ष रखने को कहा है। हालांकि, अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी की सुनवाई और एक्शन पर कोई रोक नहीं लगाई है।

बता दें कि साल 2016 में एमएस धोनी (MS Dhoni) ने आम्रपाली ग्रुप (Amrapali Group) से नाता तोड़ लिया था। धोनी 6-7 वर्षों तक कंपनी के ब्रैंड ऐंबैसडर रहे थे। उन्होंने ये फैसला उन नाराज फ्लैट खरीदारों के दवाब में लिया जो आम्रपाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट के पूरा न होने पाने को लेकर नाराज थे। होमबायर्स सोशल मीडिया पर धोनी से आम्रपाली ग्रुप से खुद को अलग करने या कंपनी पर हाउसिंग प्रोजेक्ट के बकाया काम को पूरा करने का दवाब डालने के लिए कह रहे थे। ये वही आम्रपाली ग्रुप है जिसने 2011 विश्व कप विजेता टीम के प्रत्येक सदस्यों को उपहार में नोएडा में एक – एक फ्लैट दिया था। इनमें सबसे महंगा फ्लैट महेंद्र सिंह धोनी का था। 

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