केंद्र को 24 घंटे का अल्टीमेटमः प्रवासी मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवासी मजदूरों के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी मजदरों का रिजेस्ट्रेशन कराया जाए और 15 दिनों के अंदर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए।

Update:2020-06-09 11:35 IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवासी मजदूरों के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी मजदरों का रिजेस्ट्रेशन कराया जाए और 15 दिनों के अंदर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ट्रेन की मांग की जाने के चौबीस घंटे के अंदर केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त ट्रेनें दी जाएंगी।

मजदूरों के लिए की जाए काउंसलिंग सेंटर की स्थापना

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से प्रवासी मजदूरों के लिए काउंसलिंग सेंटर की स्थापना करने की बात कही। साथ ही उन सभी का डेटा इकट्ठा करने के लिए कहा, जो गांव स्तर या ब्लॉक स्तर पर हो। इसके अलावा कोर्ट ने मजदूरों को रोजगार में मदद करने के लिए उनकी स्किल की मैपिंग करने की बात कही। साथ ही अगर मजदूर वापस काम पर लौटना चाहते हैं तो राज्य सरकारें उनकी मदद करें।

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मजदूरों पर दर्ज लॉकडाउन के उल्लंघन के मुकदमे वापस लिए जाए

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पलायन के दौरान मजदूरों पर दर्ज लॉकडाउन के उल्लंघन के मुकदमे को वापस लिए जाएं। सभी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया जाए और जो मजदूरों वापस घर जाना चाहते हैं, उन्हें आज से 15 दिनों के अंदर घर भेजा जाए। अगर राज्य सरकारों की तरफ से अतिरिक्त ट्रेन की मांग की जाती है तो केंद्र सरकार 24 घंटे में ट्रेनों की मांग को पूरी करें।

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मजदूरों को सभी स्कीम दिया जाए लाभ

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्कीम तैयार करने का आदेश दिया है। इसके बारे में राज्य सरकरों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजदूरों को सभी स्कीम का फायदा दिया जाए और उन्हें योजनाओं के बारे में भी बताया जाए।

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