श्रीनगर: आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में हालात गंभीर बने हुए हैं। हिंसक प्रदर्शनों की जवाबी कार्रवाई में करीब 35 लोग मारे जा चुके हैं। इंटेलिजेंस एजेंसियों को यह जानकारी मिली है कि बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर को अशांत बनाने के लिए पाकिस्तान के आतंकी गुटों ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और दूसरे नेताओं को करीब 60-70 करोड़ रुपए की राशि भेजी है।
इससे पहले भी गिलानी पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। गिलानी कई बार पाकिस्तान जा चुके हैं और उन्हें हर बार वहां महंगे गिफ्ट मिलते हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तान में ही उन्हें हीरे जरित सोने की घड़ी मिली थी। इसके अलावा दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास का भी वह चक्कर लगाते रहते हैं। कश्मीर को अशांत बनाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे उछालने के लिए पाकिस्तान से इन्हें मोटी रकम मिलती है।
असल में इन प्रदर्शनों के पीछे घाटी के अलगाववादी काम कर रहे हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टवादी ग्रुप के मुखिया सैयद अली शाह गिलनी और उदारवादी गुट के नेता मीरवाइज उमर फारुख नजरबंद जरूर हैं, लेकिन कश्मीर के युवाओं को गुमराह कर सड़कों पर उतारने का काम इनका ही है। कश्मीर के युवाओं को बरगला कर पत्थरबाजी कराने वाले अलगाववादी खुद भी हिंसक प्रदर्शनों से दूर रहते हैं। ये घर में ही बैठकर उनसे इशारों में काम करते हैं। इतना ही नहीं गिलानी के बेटे डॉक्टर हैं और वह भारत में नहीं रहते। सभी असगाववादी अपने बच्चों को इन प्रदर्शनों से दूर रखते हैं।
गिलानी, उन चंद लोगों में हैं जो कश्मीर के पाकिस्तान में विलय की वकालत करते हैं। ये पाकिस्तान में धरने-प्रदर्शन के साथ सामाजिक कार्यक्रमों में भी शामिल होते हैं। पाक अधिकृत कश्मीर जाने के लिए इन पर कोई बंदिशें नहीं। पाकिस्तान इन्हें अपना नागरिक मानकर प्रवेश देता है, तो ये पाकिस्तान जाकर कहते हैं कि कश्मीर पाकिस्तान का है और हमेशा रहेगा।