शहीद कर्नल के परिवार को 5 करोड़ देगी तेलंगाना सरकार, किए ये बड़े एलान

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कर्नल संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा लद्दाख में शहीद होने वाले 19 अन्य सैनिकों के परिवार को भी तेलंगाना सरकार 10-10 लाख रुपये की सम्मान देने का एलान किया है।

Update:2020-06-19 21:53 IST

हैदराबाद: भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र के गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई है। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं, वहीं चीन 43 सैनिक मारे गए हैं। लद्दाख में देश की रक्षा करते हुए शहीद होने कर्नल संतोष बाबू को पूरा भारत सलाम कर रहा है।

अब इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कर्नल संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की है।इसके अलावा लद्दाख में शहीद होने वाले 19 अन्य सैनिकों के परिवार को भी तेलंगाना सरकार 10-10 लाख रुपये की सम्मान देने का एलान किया है।

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तेलंगाना की केसीआर सरकार ने घोषणा की है कि राज्य सरकार कर्नल संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की सहायता राशि, एक रेजिडेंशियल प्लॉट और उनकी पत्नी को नौकरी देगी। इतना ही नहीं दूसरे राज्यों से संबंधित 19 सैनिकों के परिवार को भी तेलंगाना सरकार सम्मान देगी। गलवान घाटी में शहीद हुए 19 सैनिकों के परिवार को तेलंगाना सरकार 10-10 लाख रुपये की सम्मान राशि देगी।

बता दें कि हाल ही में लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं में हिंसक झड़प हुई थी। इस संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू समेत सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी कम के कम 43 सैनिक और अधिकारी मारे गए थे।

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दोनों देशों के बीच जारी तनाव को लेकर कर्नल संतोष बाबू बातचीत करने गए थे। लौटते वक्त चीनी सैनिकों ने धोखे से हमला कर दिया, जिसके बाद दोनों तरफ के सैनिकों में जमकर संघर्ष हुआ।

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इसलिए है भारत-चीन में विवाद

गलवान घाटी में घुसपैठ को खत्‍म करने के लिए कई स्‍तर पर बातचीत की जा रही है। यहां पर चीन की मौजूद रहना दारबुक-श्‍योक-दौलत बेग ओल्‍डी रोड के लिए खतरनाक है। यह रोड काराकोरम पास के नजदीक तैनात सैनिकों तक सप्‍लाई पहुंचाने के लिए बेहद अहम है। पैंगोंग झील का मसला और पेचीदा है। यहां पर चीन ने फिंगर 8 से 4 के बीच 50 वर्ग किलोमीटर से ज्‍यादा भूमि पर कब्‍जा किया हुए है। चीन ने फिंगर 4 के बेस के पास कैंप लगाए हैं। इसके आगे भारत की पैट्रोलिंग टीम को नहीं जाने दिया जा रहा जबकि फिंगर 8 तक भारत का इलाका है। तो वहीं चीन फिंगर 4 तक ही भारत की सीमा स्वीकार करता है।

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