आतंकी से सैनिक बन देश के लिए कुर्बान होने वाले नजीर वानी को मिलेगा अशोक चक्र
जम्मू-कश्मीर के लांस नायक नज़ीर अहमद वानी को इस साल शांति काल में दिए जाने वाले भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र के लिए चुना गया है। नजीर ने पिछले साल शोपियां में एक ऑपरेशन में 6 आतंकियों को ढेर कर दिया था।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के लांस नायक नज़ीर अहमद वानी को इस साल शांति काल में दिए जाने वाले भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र के लिए चुना गया है। नजीर ने पिछले साल शोपियां में एक ऑपरेशन में 6 आतंकियों को ढेर कर दिया था। इसी ऑपरेशन में उनको भी गोली लग गयी और वह शहीद हो गए।
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पहली बार आतंक छोड़ बने सैनिक को इतना बड़ा सम्मान
यह पहला मौका है जब आतंक की नापाक राह छोड़ किसी जवान को देश के इतने बड़े सम्मान से सम्मानित का निर्णय लिया गया है। नजीर वानी ने एक खुख्यात आतंकी थे और उन्होंने 2004 में आत्मसमर्पण किया था। इसके कुछ वक्त बाद ही नजीर ने भारतीय सेना ज्वॉइन कर ली थी। कभी सेना के खिलाफ लड़ने वाले इस बहादुर जवान ने आतंकवादियों से लड़ते हुए नवंबर, 2018 में अपनी जान वतन के नाम कुर्बान कर दी।
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6 आतंकियों को किया था अकेले ढेर
गोली लगने के बावजूद नजीर वानी ने घर में छुपे आतंकियों को भागने का मौका नहीं दिया। नजीर आतंकियों के भाग निकलने के रास्ते पर डटे रहे और उन्होंने एक और आतंकी को मौत के घाट उतार दिया। इसी ऑपरेशन में आतंकियों के गोली लगने से नजीर शहीद हो गए।
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नजीर वानी को इस बहादुरी के लिए अशोक चक्र सम्मान देने का फैसला किया गया है। राष्ट्रपति सचिवालय ने बताया है कि नजीर वानी एक बेहतर सैनिक थे और उन्होंने हमेशा चुनौतीपूर्ण मिशन में साहस दिखाया। बता दें कि नजीर वानी की जांबाजी के लिए उन्हें दो बार सेना मेडल भी मिल चुका है।