जल्द बदलने जा रहा चाइल्ड पॉर्नोग्रफी का कानून, जानिए इसके बारें में सबकुछ

पॉक्सो ऐक्ट की धारा 15 में संशोधन के प्रस्ताव के तहत वैसे किसी व्यक्ति पर कम-से-कम 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो बच्चों से जुड़ी कोई भी अश्लील सामग्री रखता है या इसका संग्रह करता है और इसे डिलीट नहीं करता, पूरी तरह खत्म नहीं करता या संबंधित अथॉरिटी को इसकी जानकारी नहीं देता है।

Update:2018-11-24 10:57 IST

नई दिल्ली: अगर आप बिजनेस के मकसद से चाइल्ड पॉर्नोग्रफी मटीरियल को रखते है, उसे देखते है या फिर बेचते है तो आपको इसके लिए आने वाले दिनों में आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। इसके तहत आपके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो सकता है। आपको मोटा जुर्माना और पांच वर्ष तक कि सजा भी हो सकती है। ऐसा किया जाना गैर-जमानती अपराध माना जाएगा और दूसरी बार दोषी पाए जाने पर सात वर्ष तक की सजा हो सकेगी।

ये है पूरा मामला

देश के अंदर जल्द ही चाइल्ड पॉर्नोग्रफी कानून में संसोधन होने जा रहा है। नये कानून में कई सारे बिन्दुओं को जोड़ा जा रहा है। साथ ही इस कानून को पहले से भी ज्यादा सख्त बनाया जा रहा है।

नवभारत टाइम्स कि एक रिपोर्ट के मुताबिक़ चाइल्ड पॉर्नोग्रफी कानून के संशोधन प्रस्ताव में सबसे कठोर दंड का प्रावधान उन लोगों के लिए किया गया है जो अश्लील सामग्रियों को बिजनेस के मकसद से इस्तेमाल करते हैं।

पॉक्सो ऐक्ट की धारा 15 में संशोधन के प्रस्ताव के तहत वैसे किसी व्यक्ति पर कम-से-कम 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो बच्चों से जुड़ी कोई भी अश्लील सामग्री रखता है या इसका संग्रह करता है और इसे डिलीट नहीं करता, पूरी तरह खत्म नहीं करता या संबंधित अथॉरिटी को इसकी जानकारी नहीं देता है।

अगर कोई व्यक्ति इस मामले में दोबारा दोषी पाया गया तो उस पर कम-से-कम 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। साथ ही, संबंधित अथॉरिटी से शिकायत और अदालत में साक्ष्य के रूप में पेश किए जाने के मकसद के अलावा इस तरह की सामग्री को किसी भी तरीके से इधर-उधर भेजने, उसका प्रचार करने और उसे विभिन्न समूहों अथवा लोगों में इसके वितरण को लेकर भी कानून में संशोधन किया जा रहा है।

अभी सेक्शन 15 के तहत अधिकतम तीन साल तक की सजा और जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। अब इस कानून में संसोधन करते हुए पहली बार दोषी पाए गए लोगों को कम-से-कम तीन साल और ज्यादा-से-ज्यादा पांच साल और दूसरी बार दोषी पाया जाए पर कम-से-कम पांच साल और अधिकतम साल सात वर्ष की सजा देने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।

ये भी पढ़ें...अरेस्ट के बाद बाबा परमानंद बोला- मैं निर्दोष हूं, साजिश के तहत फंसाया

वॉट्सऐप पर आए ऐसी सामग्री तो सावधान

नये कानून में वाटसएप को भी इसके दायरे में लाने की बात की गई है। इस बात का भी प्रस्ताव दिया गया है कि वाटसएप पर चाइल्ड पॉर्नोग्रफी की हरेक जानकारी के साथ-साथ इसे जुड़ी अश्लील तस्वीरें एवं विडियोज रखे जाने की सूचना नहीं देने पर जुर्माने का प्रावधान शामिल है। इस कानून संशोधन प्रस्ताव को महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने लॉ मिनिस्ट्री को भेज दिया है। उम्मीद की जा रही है कि इसे अगले सप्ताह तक मंजूरी मिल जाएगी और फिर इसे पास करवाने के लिए कैबिनेट में जल्द भेजा जा सकेगा।

ये भी पढ़ें...यूपी में फैले चाइल्ड पोर्नोग्राफी का भंडाफोड़, कन्नौज-नोएडा से गिरफ्तारी

पीएमओ ने की पहल

पॉर्नोग्रफी की बढ़ती घटनाओं पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) चिंतित है। इसलिए, पीएमओ ने ही सबसे पहले आगे आकर इसे बेहद गंभीर अपराध की श्रेणी में रखने की पहल की। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी भी चॉइल्ड पॉर्नोग्रफी पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुकी है।

क्या है चाइल्ड पॉर्नोग्रफी का कानून

चाइल्ड पॉर्नोग्रफी कानून के तहत बच्चों से जुड़ी किसी भी प्रकार की अश्लील सामग्री का इस्तेमाल करना गलत माना गया है। अगर कोई व्यक्ति व्यायसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इस तरह कि सामग्री को अपने पास रखता है, इसे बेचता है या उसे देखता है तो यह जुर्म के दायरे में आता है। इसके लिए कानून में दंड का प्रावधान है।

ये भी पढ़ें...तेरह साल के छात्र का बनाया अश्लील विडियो, एक लाख न देने पर किया वायरल

Tags:    

Similar News