Indian Railway : रेलवे में वॉकी टॉकी की भारी कमी, अब बाहर से खरीदे जाएंगे

Indian Railway : यात्री और मालगाड़ियों का संचालन करने वाले कर्मचारियों के लिए आवश्यक वॉकी-टॉकी सेट की भारी कमी के बीच, भारतीय रेलवे ने ग्लोबल मार्केट से वेरी हाई फ्रीक्वेंसी (वीएचएफ) संचार प्रणाली खरीदने के लिए “मेक-इन-इंडिया” मानदंडों में ढील दी है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-07-18 20:00 IST

Indian Railway : यात्री और मालगाड़ियों का संचालन करने वाले कर्मचारियों के लिए आवश्यक वॉकी-टॉकी सेट की भारी कमी के बीच, भारतीय रेलवे ने ग्लोबल मार्केट से वेरी हाई फ्रीक्वेंसी (वीएचएफ) संचार प्रणाली खरीदने के लिए “मेक-इन-इंडिया” मानदंडों में ढील दी है। सीधा साधा मतलब ये है कि रेलवे वॉकी-टॉकी सेट बाहर से खरीदेगा।

जांच में सामने आई सच्चाई

यह कदम मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है, जिन्होंने 17 जून, 2024 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हुए कंचनजंगा ट्रेन हादसे की जांच की थी, जिसमें 10 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।

गर्ग ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन में वॉकी-टॉकी सेट की भारी कमी है। डिवीजन में 732 वीएचएफ गैजेट की कुल आवश्यकता थी, लेकिन सिर्फ 303 उपलब्ध थे, इनमें से भी कुछ सेट खराब पड़े थे।

पता चला था कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से से टकराने वाली मालगाड़ी के लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर (गार्ड) को वॉकी-टॉकी सेट नहीं दिए गए थे। उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि 12-17 जून, 2024 की अवधि के दौरान 137 मालगाड़ियों के चालक दल वायरलेस संचार प्रणालियों के बिना काम कर रहे थे।

रेलवे को हाल के महीनों में वॉकी-टॉकी सेट की कमी या खराबी की समस्या का सामना करना पड़ा है। दिक्कत ये है कि लोकल निर्माता मानकों को पूरा करने वाले क्वालिटी प्रोडक्ट दे नहीं पा रहे हैं सो रेलवे द्वारा उनसे गैजेट नहीं खरीदे जा सके हैं।

वॉकी टॉकी सुविधा उपलब्ध न होने के कारण लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर मोबाइल फोन पर बातचीत कर रहे हैं जो नियमों के विरुद्ध है। कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना में लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के मोबाइल फोन के विश्लेषण से पता चला कि उन्होंने ड्यूटी के दौरान कॉल की थी या रिसीव की थी।

द हिन्दू की एक खबर के अनुसार, आरडीएसओ की मंजूरी के साथ सप्लाई किए गए वॉकी-टॉकी सेट ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, जिससे उनका उद्देश्य विफल हो रहा है। स्टेशन मास्टर, लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर से जुड़ा वायरलेस संचार ट्रेनों के संचालन में बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर सिग्नल विफलताओं के दौरान। एकमात्र विकल्प वैश्विक बाजार से अच्छी गुणवत्ता वाले वायरलेस संचार सिस्टम खरीदना है, जिसे रेलवे ने अब मंजूरी दे दी है।

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