जनगणना 2021: पूछे जाएंगे ये सवाल, दिया गलत जवाब तो देना पड़ेगा दंड

इस बार की जनगणना में सवालों के जवाब सही-सही देने होंगे। अधिकारियों के अनुसार अगर गलत जानकारी दिया तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है।  गलत जवाब देने पर खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि 1000 रुपये तक हो सकती है।

Update:2020-01-16 16:38 IST

नई दिल्ली: इस बार होने वाली जनगणना का नाम हाउसहोल्ड लिस्टिंग दिया गया है। देश में जनगणना 2021 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर चल रहे विवादों के बीच 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक कर्मचारी घर-घर जाकर डाटा जुटाएंगे। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है।

इंटरनेट तक पहुंच और टेलीविजन के संबंध में भी सवाल पूछे जाएंगे। टेलीविजन का उपयोग यदि करते हैं तो दूरदर्शन, केबल या किसी अन्य स्रोत से, यह जानकारी भी देनी होगी। अधिकारियों ने इसे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित लोगों तक पहुंचाने में मददगार बताया है। इसे डिजिटल रूप में भरा जाएगा।

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सोच-समझ कर सही जानकारी दें नहीं तो लगेगा जुर्माना

इस बार की जनगणना में सवालों के जवाब सही-सही देने होंगे। अधिकारियों के अनुसार अगर गलत जानकारी दिया तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। गलत जवाब देने पर खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि 1000 रुपये तक हो सकती है।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जनगणना अधिकारी 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक निर्धारित हाउसिंग और हाउसिंग जनगणना के दौरान हर घर से जानकारी इकट्ठा करने के लिए पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक श्रृंखला तैयार कर ली गई है। इसमें घर में खपत वाला मुख्य अनाज से लेकर पीने के पानी के लिए बोतल बंद पानी का उपयोग करते हैं या पैक या कोई और स्रोत, ऐसे सवाल भी पूछे जाएंगे।

यह जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी

2021 की जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी। आंकड़े मोबाइल के जरिए जुटाएं जाएंगे। वहीं इस बार कई सवाल पहली बार पूछे जाएंगे। जनगणना के पहले चरण में सवाल हाउसहोल्ड आधारित होंगे न कि व्यक्तिगत। पहले चरण में घर का मुखिया कौन है, घर में कौन-कौन सी सुविधाएं है, कितने लोग हैं जैसे सवालों को शामिल किया जाएगा।

दूसरा चरण 2021 फरवरी में होगा जिसमें व्यक्तिगत सवाल होंगे, पहले चरण में घर में कितने लोग रह रहे हैं इसका आइडिया लिया जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि गणना करनेवाला शख्स कितनी जनसंख्या कवर कर रहा है। 2021 जनगणना में सरकार के नुमाइंदे उन इलाकों में हेलीकॉप्टर से भी जाएंगे, जहां जाना मुश्किल होगा। हालांकि पिछली बार 2011 के जनगणना में भी इसका इस्तेमाल हुआ था, लेकिन इस बार विस्तृत तरीके से इसका इस्तेमाल होगा।

पहले चरण में हाउसलिस्टिंग प्रक्रिया भी शामिल है। इसमें 31 टॉपिक कवर करते हुए 34 सवाल होंगे जैसे- घर में इंटरनेट है या नहीं, मेल- फीमेल या ट्रांसजेंडर कौन घर का मुखिया है, सोर्स आफ ड्रिंकिंग वाटर पैकेज या सप्लाई है।

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2011 के जनगणना में कैसे सवाल पूछे जाएंगे इसकी जानकारी यहां-

  • घर में मौजूद शौचालय कंबाइन्ड हैं या सिर्फ इसी घर के लिए
  • घर के मालिक का कहीं और भी घर है क्या?
  • किचन में एलपीजी कनेक्शन है या नहीं और कुकिंग एनर्जी का मुख्य स्रोत क्या है?
  • रेडियो या टीवी किस डिवाइस पर उपयोग किया जा रहा है और टीवी डीटीएच या किससे कनेक्टेड है?
  • बैंक अकाउंट के बारे में हर व्यक्ति से पूछा जाएगा, घर में मोबाइल नंबर देना चाहें तो घर के लोग दे सकते हैं।

पहली बार डिजिटल सेंसस

पहली बार यह डिजिटल सेंसस होगा जिसमें अधिकारी मोबाइल के जरिए डाटा ले सकेंगे। जनगणना के लिए विशेष ऐप अधिकारियों के पास होगा जिसका वे इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए खास ऐप सरकार ने विकसित किया है जो गणना अधिकारियों को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा।

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अधिकारियों को चार फेज में ट्रेनिंग

अधिकारियों को चार फेज में ट्रेनिंग दी जाएगी जिनमें नेशनल ट्रेनिंग, मास्टर ट्रेनिंग, फील्ड ट्रेनिंग और इन्यूमिनेटर शामिल हैं। नेशनल ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। पहले चरण में 30 लाख कर्मचारी शामिल होंगे। पिछली बार एनपीआर को छोड़कर गणना अधिकारी को 5,500 रुपये मिले थे। इस बार गणना करनेवाला अधिकारी। हाउसलिस्टिंग, सेंसस का काम और नेशनल पापुलेशन रजिस्टर का काम करेगा इसलिए उसे 25000 रुपये मिलेंगे।

एनपीआर की प्रक्रिया भी 1 अप्रैल से होगी शुरू जिसमें ये प्रश्न किये जायेंगे

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की प्रक्रिया भी 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक चलेगी। पश्चिम बंगाल और केरल ने राज्य में नेशनल पापुलेशन रजिस्टर न लागू करने की बात अधिकारिक स्तर पर कही है और रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया को इसकी जानकारी मिली है। बाकी सभी राज्यों ने नेशनल पापुलेशन रजिस्टर की प्रक्रिया को नोटिफाई कर दिया है। एनपीआर में कोई बायोमेट्रिक नहीं मांगा जा रहा है कोई पेपर नहीं मांगा जाएगा। आपसे सिर्फ सही जानकारी मांगी जायेगी।

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एनपीआर में गणना अधिकारी ये जानकारी मांगेंगे-

  • आधार नंबर
  • मोबाइल नंबर
  • डीएल नंबर यदि हाउसहोल्ड के पास है तो

गौरतलब ही कि इनकी सिर्फ जानकारी मांगी जाएगी, कागज नहीं मांगे जाएंगे बता दें कि पैननंबर प्रीटेस्ट एनपीआर में था पर अब उसको हटा दिया गया है। जनगणना और एनपीआर के पहले चरण के फार्म में हाउसहोल्ड को ये बताना होगा कि जो जानकारी उन्होनें दी है वो सही या नहीं है।

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इस बार एनपीआर में ये नए सवाल शामिल किए जाएंगे

  • मातृभाषा क्या है
  • पिछली बार हाउसहोल्ड का मालिक कहां रह रहे थे
  • जन्म स्थान की जगह अभिभावकों की जानकारी मांगी जाएगी
  • एनपीआर और सेंसस का फार्म अलग अलग होगा।

 

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