जवानों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, 3 अधिकारियों की मौत, मचा हड़कंप

झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच चाईबासा से द्वितीय चरण का चुनाव संपन्न कराकर वापस रहे सीआरपीएफ के जवान और अधिकारी आपस में भिड़ गए। इस घटना में असिस्टेंट कमांडेंट समेत दो अधिकारियों की ही मौत हो गई। वहीं चार जवान घायल हो गए।

Update: 2019-12-10 04:45 GMT

रांची: झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच चाईबासा से द्वितीय चरण का चुनाव संपन्न कराकर वापस रहे सीआरपीएफ के जवान और अधिकारी आपस में भिड़ गए। इस घटना में असिस्टेंट कमांडेंट समेत दो अधिकारियों की ही मौत हो गई। वहीं चार जवान घायल हो गए। जवानों की आपसी फायरिंग में असिस्टेंट कमांडेंट समेत 2 अधिकारियों की मौके पर ही मौत हो गई। घायल जवानों में दो को इलाज के लिए रांची लाया गया है। वहीं दो का इलाज बोकारो में चल रहा है।

जवानों ने रांची और बोकारो में सोमवार को दो अलग-अलग घटनाओं में अपने ही तीन अधिकारियों की जान ले ली। रांची में एक जवान ने अपने अफसर को गोलियों से भूनने के बाद खुद को भी गोली मार खुदकशी कर ली। इससे पहले छत्‍तीसगढ़ आर्म्ड फोर्सेज के एक जवान ने छुट्टी के विवाद में अपने एक अधिकारी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी जिसमें उसकी मौत हो गई। बाद में जवान ने खुद भी गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली।

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मिली जानकारी के मुताबिक बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के कुर्कनालो उच्च विद्यालय और मध्य विद्यालय में सीआरपीएफ की 226वीं बटालियन को ठहराया गया था। रात में लगभग 8.30 बजे खाना खाने को लेकर दोनों विद्यालयों में ठहरे जवानों में विवाद हो गया। इसके बाद उच्च विद्यालय में ठहरे जवानों ने मध्य विद्यालय के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई।

गोलीबारी में सीआरपीएफ के दो अधिकारियों की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि गोली लगने से घायल दो कांस्‍टेबल उपेंद्र यादव और हरिश्चंद्र गोखले को रात 12 बजे हेलीकॉप्‍टर से इलाज के लिए मेडिका, रांची भेजा गया है। इनके अलावा दो घायल जवानों खुखलरी और दीपेंद्र कुमार का इलाज बोकारो में ही चल रहा है।

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झारखंड पुलिस के एडीजी ऑपेरशन मुरारी लाल मीणा के मुताबिक सभी जवान छतीसगढ़ सीआरपीएफ की 226 बटालियन के हैं। ये झारखंड में चुनाव कराने आए हैं। इसी बटालियन के अधिकारी और जवान आपस में भिड़े हैं। दो घायलों को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया है। चुनाव ड्यूटी में आए जवानों को पर्याप्त सुविधाएं दी जा रही है, ताकि कोई शिकायत न रहे। उन्हें आने-जाने के लिए गाड़ियां व अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। लड़ाई-झगड़े की वजह क्या रही, इसकी जांच होगी और जांच के बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएंगे।

नक्सली हमला समझकर जवानों द्वारा फायरिंग किये जाने की भी बात कही जा रही है। घायल दो जवानों का रांची में और दो का बोकारो में इलाज चल रहा है।

पहली घटना सोमवार सुबह रांची के खेलगांव परिसर में ठहरे छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (सीएएफ) के अस्थायी कैंप में हुई। यहां कमांडेंट से शिकायत किये जाने से नाराज फोर्स के कांस्टेबल विक्रम आदित्य राजवाड़े ने अपने कंपनी कमांडर इंस्पेक्टर मेला राम कुर्रे को इंसास रायफल से भून डाला। इसके बाद आदित्य ने खुद को भी गोली मार ली। इस घटना में कमांडर और जवान की मौके पर ही मौत हो गई।

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दूसरी घटना सोमवार रात बोकारो जिले के गोमिया स्थित कुर्कनाला में हुई। चाईबासा से द्वितीय चरण का चुनाव संपन्न कराकर लौट रहे सीआरपीएफ 226वीं बटालियन के जवान और अधिकारी यहां एक स्कूल में ठहरे थे, जहां जवानों में भोजन की बात को लेकर विवाद बढ़ा और आपस में फायरिंग शुरू हो गई। फायरिंग में सीआरपीएफ के दो अधिकारियों असिस्टेंट कमांडेंट साहुल अहसन और एएसआइ पूर्णानंद भुइयां की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार जवान घायल हो गए। गोली लगने से घायल दो कांस्टेबल उपेंद्र यादव और हरिश्चंद्र गोखले को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची भेजा गया है। दो घायल जवानों खुखलरी और दीपेंद्र कुमार का इलाज बोकारो में चल रहा है।

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