वायुसेना की बढ़ी ताकत, तीन और राफेल आए भारत, चीन-पाकिस्तान की हालत खराब
भारतीय वायु सेना ने बताया कि राफेल विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से नॉन-स्टॉप उड़ान भरकर बुधवार रात 8:14 बजे भारत पहुंचा। 3 राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस के इस्ट्रेस से गुजरात के जामनगर आए।
लखनऊ: भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। अब इस बीच राफेल लड़ाकू विमान का दूसरा जत्था भारत आ गया है। तीन और राफेल लड़ाकू विमान के भारत आने से वायु सेना की ताकत में इजाफा हुआ है। चीन और पाकिस्तान पर राफेल लड़ाकू विमान कहर बनकर टूटेंगे। ये राफेल लड़ाकू विमान बिना रुके भारत पहुंचे हैं।
भारतीय वायु सेना ने बताया कि राफेल विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से नॉन-स्टॉप उड़ान भरकर बुधवार रात 8:14 बजे भारत पहुंचा। 3 राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस के इस्ट्रेस से गुजरात के जामनगर आए। इस दौरान फ्रेंच एयर फोर्स का मिड एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट साथ था। इस उड़ान के लिए भारतीय वायु सेना के पायलटों को फ्रांस में ट्रेनिंग दी गई।
सात लड़ाकू विमान
फ्रांस में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए पहले से ही सात राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारतीय वायुसेना को हर दो महीने में तीन से चार राफेल जेट दिए जाने की उम्मीद है। तीन विमान जनवरी और फिर मार्च में 3, अप्रैल में 7 राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिल जाएंगे। इस तरह अगले साल अप्रैल तक देश में विमानों की संख्या 21 हो जाएगी। सभी 36 विमानों के साल के अंत तक वायुसेना के जल्द लड़ाकू बेड़े में शामिल होने की संभावना है। राफेल लड़ाकू विमान जून 1997 में रूसी सुखोई-30 के बाद 23 साल में भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाला पहला लड़ाकू विमान है।
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59 हजार करोड़ का सौदा
भारत ने राफेल सौदे में करीब 710 मिलियन यूरो विमानों के हथियारों पर खर्च किए हैं। पूरे सौदे की कीमत 59 हजार करोड़ रुपये है। इसमें से 18 लड़ाकू विमान गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल हो जाएंगे।
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विमान की ताकत
– 4।5 जेनरेशन मीड ओमनी-पोटेंट रोल एयरक्राफ्ट
– दो इंजन वाला राफेल हवा में के साथ-साथ डीप-पैनेट्रेशन में भी सक्षम
– राफेल में लगी है हवा से हवा में मार करने वाली मेटयोर मिसाइल जिसकी रेंज करीब 150 किलोमीटर है
– इसमें हवा से सतह में मार करने वाली स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली माइका मिसाइल भी है
– राफेल के पायलट के हेलमेट में ही फाइटर प्लेन का पूरा डिस्प्ले सिस्टम है
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सौदे की खास बातें
36 विमानों की कीमत – 3402 मिलियन यूरो
विमानों के स्पेयर पार्ट्स – 1800 मिलियन यूरो
भारत के अनुरुप बनाने में खर्चा – 1700 मिलियन यूरो
परफॉर्मेंस बेस्ड लॉजिस्टिक – 353 मिलियन यूरो
एक विमान की कीमत – 90 मिलियन यूरो
विमान में लगने वाले हथियार, सिम्यूलेटर, ट्रैनिंग मिलाकर एक फाइटर जेट की कीमत – 1600 करोड़ रुपये
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