Bengal Teacher Job Scam: ‘चार साल से बुला रहे, कुछ नहीं मिलता तो दूसरे मामले में बुला लेते हैं’, पूछताछ के बाद ईडी पर बरसे अभिषेक बनर्जी
Bengal Teacher Job Scam: एजेंसी की ओर से बुधवार 8 नवंबर को तृणमुल नेता अभिषेक बनर्जी को समन जारी कर आज यानी गुरूवार 9 नवंबर को पूछताछ के लिए कोलकाता दफ्तर में पेश होने को कहा गया था।
Bengal Teacher Job Scam: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पूछताछ के लिए हाजिर हुए। ईडी की अधिकारियों की टीम ने उनसे चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सवाल-जवाब किया। आज उनसे कुछ घंटे ही पूछताछ हुई, जिसके बाद जांच एजेंसी ने उन्हें जाने दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर अभिषेक बनर्जी ने ईडी को 6 हजार पन्नों का जवाब भेजा है। उनके द्वारा दिए गए जवाब का स्टडी करने के बाद जांच एजेंसी आगे की कार्रवाई करेगी।
ईडी दफ्तर से बाहर निकलने के बाद बनर्जी ने मीडिया से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने एजेंसी पर जमकर निशाना साधा और महुआ मोइत्रा प्रकरण पर भी बोले। टीएमसी नेता ने कहा, मैंने जांच में हमेशा से सहयोग किया है। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। ईडी के जितने सवाल थे, मैंने सभी का जवाब दिया है। अगल एजेंसी फिर से समन भेजती है, तो वे जरूर जाएंगे।
महुआ मोइत्रा प्रकरण पर क्यो बोले ?
सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक साथी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ चल रहे कैश फॉर क्वेरी मामले पर भी बोले। उन्होंने मीडिया से कहा, जब नई संसद में 4 दिन का विशेष सत्र बुलाया गया तो भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने अपशब्द का इस्तेमाल किया। भाजपा के कई सारे सांसद हैं जिनके खिलाफ सुनवाई नहीं होती है लेकिन अगर कोई सरकार के खिलाफ लड़ना चाहे, सरकार के खिलाफ सवाल पूछना चाहे तो उसे संसद पद से हटाया जाता है।
बनर्जी ने आगे कहा कि महुआ मोइत्रा अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम है। मुझे भी चार साल से बुला रहे, कुछ नहीं मिलता तो दूसरे मामले में बुला लेते हैं। दरअसल, कैश फॉर क्वेरी (संसद में सवाल के बदले कैश) मामले में एथिक्स कमेटी आज यानी गुरूवार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि महुआ की संसद सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।
ईडी ने बुधवार को टीएमसी सांसद को भेजा था समन
एजेंसी की ओर से बुधवार 8 नवंबर को तृणमुल नेता को समन जारी कर आज यानी गुरूवार 9 नवंबर को पूछताछ के लिए कोलकाता दफ्तर में पेश होने को कहा गया था। इससे पहले 3 अक्टूबर को अभिषेक बनर्जी को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन उस दौरान दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ एक विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के कारण वे पेश नहीं हो पाए थे। इसके बाद जांच एजेंसी की ओर से बुधवार को नया समन जारी किया गया। शिक्षक भर्ती घोटाले में इससे पहले 13 सितंबर को ईडी ने बनर्जी से पूछताछ की थी। जो करीब 9 घंटे तक चली थी।
पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से सांसद अभिषेक बनर्जी ने तब आरोप लगाया था कि इंडिया गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक में शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें जानबूझकर इस तारीख को ईडी द्वारा बुलाया गया। टीएमसी की ओर से कमेटी के मेंबर अभिषेक बनर्जी दिल्ली में शरद पवार के घर पर आयोजित बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे। उनकी कुर्सी खाली रह गई थी। उनके खिलाफ कोयला घोटाला और पशु तस्करी घोटाला मामले की जांच भी ईडी द्वारा की जा रही है
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क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला ?
शिक्षक भर्ती घोटाले ने बंगाल की सियासत में भूचाल ला दिया था। ताकतवर ममता बनर्जी सरकार की देशभर में भारी फजीहत हुई थी और उनके राष्ट्रीय राजनीति में जाने की महत्वाकांक्षा को भी गहरा झटका लगा था। दरअसल, यह घोटाला साल 2014 का है। बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन ने शिक्षकों की भर्ती निकाली थी, जिसमें व्यापक स्तर पर धांधली हुई थी। उस वक्त इस विभाग का जिम्मा पार्थ चटर्जी संभाल रहे थे। मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां से सीबीआई जांच का आदेश हुआ। इसके बाद मामले में प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हुई।
बीते साल ईडी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कैबिनेट मंत्री और सीएम ममता बनर्जी के बेहद करीबी पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसी ने उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया था। अर्पिता के ठिकाने से भारी मात्रा में कैश की बरामदगी हुई थी। पार्थ 23 जुलाई 2022 से सलाखों के पीछे हैं। उन्हें सरकार और संगठन दोनों से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।