Mahua Moitra Controversy: हीरानंदानी के आरोपों पर टीएमसी सांसद महुआ का आया जवाब, लेकिन ममता की चुप्पी खड़े कर रहे बड़े सवाल

Mahua Moitra Controversy: ‘कैश फॉर क्वेरी’ कांड उनके गले की फांस बनता जा रहा है। इस बीच सीएम ममता बनर्जी की चुप्पी के भी सियासी हलकों में खूब चर्चा हो रही है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-20 12:41 IST

Mahua Moitra and darshan Hiranandani (photo: social media )

Mahua Moitra Controversy: विपक्षी खेमे की सबसे तेजतर्रार सांसदों में गिने जाने वाली तृणमुल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा उन नेताओं में हैं, जिनके बयान अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ उनकी तीखी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर छाई रहती है। लेकिन टीएमसी सांसद खुद इन दिनों मुसीबत में दिख रही हैं। ‘कैश फॉर क्वेरी’ कांड उनके गले की फांस बनता जा रहा है। इस बीच सीएम ममता बनर्जी की चुप्पी के भी सियासी हलकों में खूब चर्चा हो रही है।

कैश फॉर क्वेरी मामले में फंसी पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी सांसद ने दिग्गज अरबपति कारोबारी निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी के आरोपों का जवाब दिया है। दरअसल, दर्शन हीरानंदानी ने अपने हलफनामें में कहा है कि महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साधा। इस खुलासे के बाद से महुआ की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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महुआ मोइत्रा ने आरोपों का दिया जवाब

तृणमुल सांसद महुआ मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के आरोपों का विस्तृत जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ये हलफनामा सफेद पेपर लिखा गया है, न कि किसी आधिकारिक लेटरहेट या नॉटरी पर। देश का सबसे सम्मानित बिजनेस मैन किसी सफेद कागज पर साइन क्यों करेगा। वह ऐसा तब ही करेगा, जब उसके सिर पर बंदूक रखकर उससे ऐसा करवाया जाए। टीएमसी ने हलफनामे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इसे किसी ऐसे शख्स ने लिखा है, जिसको केवल पीएम मोदी की तारीफ करनी है।

हीरानंदानी ने क्या लगाया था आरोप

रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने कहा था कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डालते थे। हीरानंदानी ने दस्तखत के साथ जो हलफनामा 19 अक्टूबर को किया था, उसमें कहा गया कि महुआ का मकसद पीएम मोदी को बदनाम करना है, क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा की वजह से विपक्ष उन पर हमले नहीं कर पाता है। हीरानंदानी ने महुआ मोइत्रा को सवाल पूछने के लिए पैसे तक देने का दावा किया है।

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26 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी करेगी सुनवाई

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी 26 अक्टूबर को मामले पर सुनवाई करेगी। सुनवाई के दौरान दुबे मौजूद रहेंगे या नहीं इसका उन्हें आज यानी शुक्रवार 20 अक्टूबर को जवाब देने को कहा गया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, मैं सीबीआई और एथिक्स कमेटी (जिसमें भाजपा सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) को सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं। मेरे पास अडानी द्वारा निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल चलाने या बीजेपी ट्रोल्स को जवाब देने के लिए न तो समय है और न ही रुचि।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, पिछले दिनों झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को 'री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट' नाम से एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि पश्चिम बंगाल की टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला। गोड्डा सांसद ने स्पीकर को लिखे लेटर के साथ एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई थी।

इसमें लिखा था – ऐसा प्रतीत होता है कि जय अनंत देहाद्रई ने मेहनत से रिचर्स की है, जिसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हाल तक महुआ मोइत्रा ने संसद में कुल 61 में से करीब 50 सवाल पूछे। इनमें दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें कायम रखने के इरादे से जानकारी मांगी गई थी।

क्या टीएमसी में अलग-थलग पड़ी महुआ ?

एक तरफ जहां बीजेपी के खिलाफ हर मुद्दे पर दो-दो हाथ करने को तैयार करने बैठी पश्चिम सीएम ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी, महुआ मोइत्रा के मामले में खामोशी की चादर ओढ़े हुए है। अपनी पार्टी के एक तेजतर्रार सांसद पर लग रहे आरोपों का बचाव करने कोई टीएमसी नेता अभी तक आगे नहीं आया है। जबकि महुआ को अन्य विपक्षी नेताओं का समर्थन मिल रहा है। इस गंभीर मसले पर ममता बनर्जी से लेकर अन्य नेताओं की चुप्पी पर सियासी हलकों में खूब चर्चा हो रही है। टीएमसी के नेता तो इस मामले पर मीडिया में बयान देने तक से मना कर रहे हैं।

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