तीन तलाक कानून को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 19 सितंबर 2018 से हुआ लागू

समझौते के विकल्प को भी नए कानून में जगह मिली है। हालांकि, अगर पत्नी पहल के समझौते को मानती है तभी ऐसा होगा वरना नहीं। तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी और रखावाली मां के पास रहेगी।

Update: 2019-08-01 03:27 GMT
तीन तलाक कानून को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 19 सितंबर 2018 से हुआ लागू

नई दिल्ली: तीन तलाक बिल राज्यसभा में भी पास हो गया है। ऐसे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बिल को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 19 सितबंर 2018 से तीन तलाक कानून लागू हो गया है। मालूम हो, मंगलवार को राज्यसभा से बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।

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राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास होने के साथ संसद ने इतिहास रच दिया। इससे पहले तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले सभी बड़े प्रस्ताव गिर गए। राज्यसभा में पक्ष में 99 वोट पड़े, तो वहीं खिलाफ 84 वोट पड़े। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल किया गया है। लोकसभा से यह बिल बीते 26 जुलाई को यह बिल पास हो चुका था।

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ये हैं तीन तलाक देने पर प्रावधान

  1. पति अगर एक बार में पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। इसके बाद चाहे पति मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से तीन तलाक दे रहा है तो भी वो अपराध है।
  2. इस बारे में खुद पत्नी या उसके करीबी रिश्तेदार ही तीन तलाक देने के खिलाफ मामला दर्ज कर सकेंगे।
  3. एक समय में तीन तलाक देना महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल के मुताबिक अपराध है। ऐसे में तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।
  4. एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है। मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी।
  5. मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे।
  6. तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा।
  7. तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी और रखावाली मां के पास रहेगी।
  8. समझौते के विकल्प को भी नए कानून में जगह मिली है। हालांकि, अगर पत्नी पहल के समझौते को मानती है तभी ऐसा होगा वरना नहीं।

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