उन्नाव गैंगरेप केस: दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की सजा टली, 20 दिसंबर को होगा फैसला

उन्नाव गैंगरेप मामले में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा का ऐलान टाल दिया गया है। अब कोर्ट इस मामले में 20 दिसम्बर को अपना फैसला सुनाएगा।

Update:2019-12-17 12:22 IST
माखी में रहने वाली युवती ने 4 जून 2017 को नौकरी देने के नाम पर विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई व साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।

नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप मामले में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा का ऐलान टाल दिया गया है। अब कोर्ट इस मामले में 20 दिसम्बर को अपना फैसला सुनाएगा। बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है। इसके साथ ही सह आरोपी शशि सिंह को भी दोषी करार दिया गया है।

कोर्ट ने सीबीआई को भी फटकारा

तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी फटकारा था। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया। कोर्ट ने ये भी कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं। कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?

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कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया।

कोर्ट ने 5 FIR में से एक पर सुनाया फैसला

इस केस में कुल 5 एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिसमें से एक पर कोर्ट ने कल अपना फैसला सुनाया। बाकी में अभी भी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है, जिसमें पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला और पीड़िता के साथ किए गए गैंगरेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल हैं।

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ये है आरोप

गौरतलब है कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि उसने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की को अगवा कर उससे रेप किया। इस मामले में सहआरोपी शशि सिंह पर कथित तौर पर सेंगर की मदद करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस केस को लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित किया था। कोर्ट ने इस केस में 5 अगस्त से रोजाना सुनवाई की थी।

पीड़िता के वकील के मुताबिक कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए थे। बीजेपी टिकट पर विधायक रहे सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। पीड़िता का परिवार एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के हॉस्टल में रह रहा है, जबकि कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) को उनके लिए राष्ट्रीय राजधानी में किराए के आवास की व्यवस्था करने को कहा था।

विधायक पर ये भी आरोप

गौरतलब है कि कोर्ट ने आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, रेप और पॉक्सो ऐक्ट की प्रासंगिक धाराओं के भी सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए थे। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने पीड़िता के पिता को 2018 में सशस्त्र अधिनियम के तहत आरोपी बनाने और उन पर हमला करने के मामले में भी सेंगर और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।

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आपराधिक साजिश रची थी

कोर्ट ने आरोप तय करते समय कहा था कि विधायक सेंगर और उनके सहयोगियों ने उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के पिता को चुप कराने के लिए आपराधिक साजिश रची थी ताकि वह शिकायत पर आगे नहीं बढ़ सकें। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बलात्कार पीड़िता के पिता की कथित हत्या तथा अवैध हथियार रखने के मामले में कथित तौर पर उन्हें फंसाने से जुड़े दो मामलों को जोड़ दिया।

सेंगर और नौ अन्य पर आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरह से रोकना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 193 (झूठे साक्ष्य)और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दंडनीय अपराधों का केस दर्ज हुआ है।

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