लखनऊ: देश की नामी जांच एजेंसी सीबीआई खुद मैन पावर की कमी से जूझ रही है। जांच के बोझ के साथ जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस के उलट एजेंसी में अफसरों की कमी अब और बढ़ने वाली है। अब यूपी पुलिस के मुखिया ने पत्र लिख कर एजेंसी से प्रतिनियुक्ति पर गए अफसरों को वापस करने की मांग की है।
ऐसे में एजेंसी के अफसर पसोपेश में हैं, क्योंकि पहले से ही उन के पास जांचकर्ता अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या सीमित है। अब यदि यूपी पुलिस के अधिकारियों की वापसी हो जाती है। तो इस का असर कई जांचों पर पड़ना तय है, इस को लेकर एजेंसी के आला अफसरों के बीच मंथन जारी है।
यूपी पुलिस के मुखिया सुलखान सिंह की सीबीआई निदेशक को लिखी चिठ्ठी ने देश की सब बड़ी जांच एजेंसियों में से एक सीबीआई की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। डीजीपी ने चिठ्ठी लिख यूपी पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में 5 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे अफसरों को वापस करने को कहा है। रिवर फ्रंट घोटाला, पालना गृह घोटाला, श्रवण साहू मर्डर केस, एनआरएचएम घोटाला, आईएएस अफसर अनुराग तिवारी हत्याकांड, जवाहर बाग़ कांड, मनरेगा घोटाला, खनन घोटाला, यादव सिंह और बुलंदशहर गैंग रेप कांड समेत कई बड़ी जांचे सीबीआई कर रही है।
इन में से पालना घोटाले की जांच का दायरा जहाँ 72 ज़िलों तक फैला है तो वहीँ खनन घोटाले की आंच 37 ज़िलों में धधक रही है। कुछ इसी तरह मनरेगा घोटाला और एनआरएचएम घोटाले की जांच भी कई ज़िलों में फैली हुई है। ऐसे में यूपी पुलिस के मुखिया की सीबीआई निदेशक को चिट्ठी ने सीबीआई के अफसरों को परेशान कर दिया है।
दरअसल सीबीआई पहले से ही मैनपावर पर की कमी से जूझ रही है, ऐसे में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाला, पालना गृह घोटाला और आईएएस अफसर अनुराग तिवारी हत्याकांड की जांच की सिफारिश करने के अलावा विधान सत्र के दौरान ही लोक सेवा आयोग के 2012 से लेकर अब तक की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की है। ऐसे में पहले से सीबीआई अगर यूपी पुलिस के उन 24 अफसरों को वापस कर देती हैं तो जाँच पर प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है।
यूपी पुलिस के 2 दर्जन अफसर 5 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में तैनात हुए थे, जिन का समय पूरा हो गया है। जिस के बाद डीजीपी ने चिठ्ठी लिखी है, उधर सीबीआई के अफसर यूपी पुलिस के ट्रेंड अफसरों को कार्यमुक्त नहीं करना चाहती है, क्यों प्रतिनियुक्ति पर आने वाले नए अफसरों को ट्रेंड करना होगा, जिस की वजह से जाँच भी प्रभावित हो सकती है।