UP की जेलों में पढ़े लिखे कैदी, सबसे ज्यादा इंजीनियर्स, दूसरे नंबर पर ये राज्य

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश की जेल में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग देखने को मिले हैं। जिसमें ज़्यादातर इंजीनियर या पोस्ट-ग्रैजुएट के अपराधी है।

Update:2020-10-09 11:36 IST
यूपी के जेल में बंद सबसे ज्यादा पढ़े लिखे कैदी, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र

बचपन से ही मां-बाप ने हमें सिखाया है कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब'। सबका सपना होता है कि वह पढ लिख ले तो चार पैसे कमाने लायक बन जाए। लेकिन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की क्राइम रिपोर्ट के जो आंकड़े सामने आए हैं उसे देख तो कुछ और ही लगता है।

यूपी में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे अपराधी

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश की जेल में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग देखने को मिले हैं। जिसमें ज़्यादातर इंजीनियर या पोस्ट-ग्रैजुएट के अपराधी है। वही दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे कैदी बंद हैं। वही तीसरे स्थान पर कर्नाटक का नाम सामने आया है।

टेक्निकल डिग्री वाली कैदी

NCRB की क्राइम इन इंडिया की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश भारत का ऐसा राज्य हैं जहां सबसे ज्यादा इंजीनियर, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा धारक हैं। रिपोर्ट की माने तो इस वक़्त भारत की जेलों में टेक्निकल डिग्री वाले लगभग 3 हजार 740 कैदी बंद हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश के जेलों में सबसे अधिक पढ़े लिखे क्रिमनल पाए गए हैं।

भारत की जेलों में बंद 5282 कैदी

आपको बता दें, कि यूपी की जेल में 727 कैदी ऐसे हैं, ​जो टेक्निकल डिग्री रखे है। वही महाराष्ट्र में 495 कैदियों के पास टेक्निकल डिग्री है और कनार्टक के 362 कैदियों के पास टेक्निकल डिग्री है। भारत की जेलों में बंद 5282 कैदियों के पास पोस्टग्रैजुएट डिग्री है। इनमें से 2010 कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं।

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उत्तर प्रदेश डीजी का बयान

उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक (डीजी) आनंद कुमार ने बताया कि इन टेक्निकल डिग्री वाले कैदियों पर दहेज हत्या और बलात्कार जैसे आरोप हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसे भी है जो किसी आर्थिक अपराध के चलते जेल में बंद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के जेलों में अलग अलग अपराध के चलते 3 लाख 30 हजार 487 कैदी सजा काट रहे हैं। आनंद कुमार ने आगे बताया कि पढ़े लिखे कैदियों के कौशल का इस्तेमाल जेल के अंदर अन्य कैदियों को प्रशिक्षित करने में किया जा रहा है। आनंद कुमार ने बताया कि जेल में बंद इन टेक्निकल डिग्री वाले कैदियों ने ही कई जेलों में ई जेल परिसर विकसित किया है। इन कैदियों ने जेल इन्वेंट्री सिस्टम के कम्प्यूटरीकरण में मदद की है।

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