UPSC : जानिए UPSC पास करके कैसे बनेंगे अलग श्रेणियों के ऑफिसर, कितना अंतर है IAS, IPS, IFS और IRS में

UPSC: UPSC पास करके ऑफिसर बन जाते है पर कौन से डिपार्टमेंट में क्या अधिकार मिलते है आइए जानते है यहां...

Update:2023-05-24 12:46 IST
UPSC Civil Service Examination (Pic Credit - Social Media)

UPSC: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन(Union Public Service Commission) के 2022 के सिविल सर्विस का परीक्षा परिणाम आज घोषित किया गया है। CSE परिक्षा में इशिता किशोर ने टॉप कर लिया है। इस परिक्षा का पैटर्न यह है कि यूपीएससी की परीक्षा में पहले प्री होता है, फिर मेंस लेवल की परीक्षा होती है फिर लास्ट स्टेज में पर्सनल इंटरव्यू होता होता है। इन तीनों परीक्षा को पास करके ही अलग अलग विभाग के अधिकारी की श्रेणी दी जाती है जिसमे IAS, IPS, IFS, और IRS ऑफिसर बनाए जाते है। कुछ लोग बस अधिकारी बनाने का जुनून रखते है पर उन्हें इस अलग अलग पद के बारे में, मिलने वाले वेतन के बारे में पता नहीं रहता। ज्यादातर लोग कन्फ्यूजन में रहते है इन अलग अलग पद पर आखिर काम क्या करना होता है? इन सभी पद में सबसे पड़ा पद क्या है? कैसे चुने जाते है? इन सभी प्रश्नों का जवाब हम आपके लिए लेकर आए है...

यूपीएसी पास करके आईएएस और आईपीएस बनने वाले पद दोनो खास होते है यह बड़े अधिकारियों वाले पद होते है। इन पदों पर रहने वाले लोगों के पास विशेष अधिकार होते है। इन अधिकारियों को लोक सेवा अधिकारी भी कहा जाता है। इन पदों पर कार्यरत अधिकारी की भूमिका बड़ी होती है इनको वेतन भी अधिक मिलते है। Civil Service Exam पास करने के बाद ही इन पदों पर नियुक्ति की जाती है।

IAS (Indian Administrative Service)

इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (Indian Administrative Service): सिविल सर्विस के एग्जाम में सबसे हाई लेवल पोस्ट होता है। इस पद को प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही IAS नियुक्त किया जाता है। लेकिन कई बार परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवार IPS और IFS ही बनते है। इसलिए IAS की पोस्ट निचले रैंक वाले उम्मीदवारों को भी मिल जाती है। एक IAS ऑफिसर के पास पूरे डिस्ट्रिक्ट के सभी डिपार्टमेंट्स की रिस्पॉन्सिबिलिटी दी जाती है। जिलाधिकारी(District Magistrate) के तौर पर वो काफी पॉवरफुल व्यक्ति होता है। पुलिस डिपार्टमेंट के साथ-साथ कई दूसरे डिपार्टमेंट्स का भी मेन होता है। धारा 144 लगाने का फैसला, भीड़ पर कार्रवाई करने का फैसला या फिर किसी तरह की फायरिंग का फैसला इस तरह के सभी फैसले, जैसे लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी फैसले जिलाधिकारी का ही होता है।

IPS(Indian Police Service)

इंडियन पुलिस सर्विस (Indian Police Service): IAS की तरह ही IPS बनने के लिए भी उम्मीदवारों को खूब मेहनत करनी होती है। इसके लिए भी यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में अच्छी रैंक प्राप्त करनी होती है। अच्छी रैंक हासिल करने वालों को आईपीएस ऑफिसर बनाया जाता है। आईपीएस ऑफिसर के पास ही डिस्ट्रिक्ट यानी जिले के सभी पुलिस अधिकारी उपस्थिति दर्ज कराते हैं, जिसमें SP, DSP शामिल होते हैं। आईपीएस ऑफिसर जिले के सभी कामकाजों का प्रभारी होता है। वो पुलिस व्यवस्था में कोई गड़बड़ी लगने पर समाधान निकलने का काम करता है। इसके साथ अपने एरिया में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी भी उसकी होती है। लॉ एंड ऑर्डर में सुधार करना और अपने इलाके के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आईपीएस ऑफिसर को होती है।

IFS(Indian Foreign Service)

इंडियन फॉरेन सर्विस (Indian Foreign Service): IFS ऑफिसर का पद एक IAS ऑफिसर से बड़ा होता है क्योंकि ये अधिकारी विश्व मंचों पर देश को रिप्रेजेंट करने का काम करते है। इन अधिकारियों द्वारा किए गए कामों का प्रभाव सीधे देश की छवि व सम्मान पर पड़ता है। IFS ऑफिसर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें दूसरे देशों के राजदूतों, नेताओं और अधिकारियों से बातचीत करनी होती है। विदेशों में मौजूद भारतीय लोगों की मदद करने का काम भारतीय दूतावास करता है, जो वास्तव में IFS ऑफिसर का ही काम होता है। यही ऑफिसर होते हैं, जो राजनयिक और राजदूत के तौर पर भी काम करते हैं। IFS ऑफिसर का काम अच्छे और सुखद संबंध दो देशों के मध्य स्थापित करना है।

IRS(Indian Revenue Service)

इंडियन रेवेन्यू सर्विस (Indian Revenue Service): IAS, IPS, IFS के अलावा सिविल सर्विस एग्जाम पास करने के बाद IRS ऑफिसर भी बना जा सकता है। IRS ऑफिसर फाइनेंस मिनिस्ट्री में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के तरह काम करता है। IRS का पद भी कोई साधारण पद नहीं होता है।IRS ऑफिसर कस्टम डिपार्टमेंट और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ जुड़े होते है। ये ऑफिसर्स टैक्स पॉलिसी को तैयार करने की सलाह देते है। इससे जुड़ीं नीतियां और नियमों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, IRS ऑफिसर अपने राष्ट्र की खुफिया एजेंसियों से जुड़कर देश की रक्षा भी करते हैं।

अलग अलग श्रेणी के अधिकारियों के वेतन

एक आईएएस अधिकारी के लिए वेतन 56000 रुपये से शुरू होता है, और प्रदान की गई सेवा के वर्षों के आधार पर 2.5 लाख महीना तक पहुंच सकता है। एक IPS अधिकारी का वेतन 15000 INR से शुरू होता है और 80000 INR महीना तक पहुँच सकता है। इसके अलावा, एक IFS अधिकारी भी प्रदान किए गए वर्षों के अनुभव के आधार पर 15000 INR से 90000 INR महीना तक कमाता है। यहां तक ​​कि एक आईआरएस अधिकारी के लिए भी वेतन 15000 रुपये से 80000 रुपये महीना तक पहुंच सकता है।

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