राशन पर बड़ा ऐलान: नहीं भटकना होगा इधर-उधर, सरकार ने दी ये सुविधा
लॉकडाउन में प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांवों की तरफ लौट गए। ऐसें में शहरों में काम कर रहे घरों को लौटे मजदूरों के पास कमाई का कोई साधन नहीं बचा तो अब इनके राशन-पानी की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांवों की तरफ लौट गए। ऐसें में शहरों में काम कर रहे लौटे मजदूरों के पास कमाई का कोई साधन नहीं बचा तो अब इनके राशन-पानी की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने गरीबों को सस्ता राशन मुहैया कराने के लिए राज्य में वन नेशऩ वन कार्ड योजना लागू कर दी है।
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23 लाख से से ज्यादा को सस्ता राशन
साथ ही इस योजना के लागू होने से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत किसी भी सरकारी दुकान से सस्ता राशन ले सकते हैं। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों और लोगों को भी उत्तराखंड में राशन मिल पाएगा।
इस समय की बात करें तो राज्य में 9200 सस्ते गल्ले की दुकानों के जरिए 23 लाख से से ज्यादा राशन कार्ड धारकों को सस्ता राशन दिया जाता है। जिनमें से सिर्फ 7500 दुकानों में बायोमेट्रिक मशीनें लग पाई हैं, जबकि 1700 दुकानों में बायोमेट्रिक मशीन नहीं लगी है।
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भटकने की जरूरत नहीं
साथ ही बायोमेट्रिक मशीनों के जरिए राशन लेने वालों को मशीन पर अपना अंगूठा लगाना अनिवार्य होगा। इसके बाद उनको सस्ता राशन मुहैया कराया जाएगा। ऐसे में राशन लेने वालों लोगों को एक दुकान से दूसरे दुकान तक भटकने की जरूरत नहीं है।
इस हिसाब से जिन दुकानों में बायोमेट्रिक मशीन लग गई है, वहां से उपयोगकर्ता राशन ले सकते हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएसएफएफ) के तहत प्राथमिक और अंत्योदय राशन कार्ड धारकों पर यह योजना लागू होगी।
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