'देश के भीतर और बाहर से हो रही साजिशें, मुझे मारने की सुपारी दी'...लेकिन आप मेरे सुरक्षा कवच, बोले PM मोदी
Vande Bharat Express: भोपाल के रानी कमलापति से शुरु होकर झाँसी, ग्वालियर, आगरा होते हुए जाएगी दिल्ली। हफ्ते में छह दिन चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस। भोपाल-दिल्ली और दिल्ली-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस का नंबर 20171-20172 होगा
Vande Bharat Express: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (01 अप्रैल) को मध्य प्रदेश की पहली और देश की 11वीं वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पीएम मोदी ने आज भोपाल में आयोजित संयुक्त कमांडर सम्मेलन (Joint Commanders Conference) में भी हिस्सा लिया। सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट (corona test) करवाया गया था। नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार (Navy Chief Admiral Hari Kumar) का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया है। जिस चलते वो कमांडर्स कॉन्फ्रेंस बीच में छोड़कर स्पेशल प्लेन से दिल्ली लौट गए।
वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। सबसे पहले पीएम मोदी ने इंदौर मंदिर हादसे पर अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'इस हादसे में जो लोग असमय हमें छोड़ गए, उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं। उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।'
PM मोदी- अब तक तुष्टिकरण की राजनीति होती थी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, कि 'मध्य प्रदेश को पहली वंदे भारत ट्रेन मिली है। यह प्रदेश के लोगों को कई सुविधाएं देगी। साथ ही क्षेत्र के विकास का माध्यम बनेगी। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्षी पार्टियों की राजनीति पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा अब तक तुष्टिकरण की राजनीति होती थी। लेकिन, हमारी सरकार विकास की ओर अग्रसर है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज देश में अनेकों रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, देश के 6 हजार स्टेशनों पर वाई-फाई लगाए जा चुके हैं। वहीं, 900 से ज्यादा स्टेशनों पर CCTV लग चुका है। वंदे भारत एक्सप्रेस तो पूरे देश में युवा पीढ़ी में 'सुपरहिट' हो चुकी है। साल भर इन ट्रेनों की सीटें फुल रह रही हैं। पीएम ने कहा, देश के हर कोने से इस ट्रेन को चलाने की मांग हो रही है।'
PM मोदी- छोटे शिल्पकारों को रेलवे से बहुत राहत'
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि, 'भारतीय रेलवे देश के छोटे शिल्पकारों और कारीगरों के काम को देश के हर कोने तक पहुंचाने का माध्यम बन रही है। उन्होंने कहा, अब वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) के तहत कई जगहों पर 600 आउटलेट बनाए जा चुके हैं। जहां से करीब 1 लाख लोग खरीदी कर चुके हैं।'
पहले रेलवे में घाटे की बात होती थी, लेकिन अब...
भोपाल में वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना करने के बाद दिए भाषण में पीएम मोदी ने बताया कि, 'देश के बजट में रिकॉर्ड धन राशि रेलवे के लिए आवंटित हुई है। पहले संसद में रेलवे के विकास की बात होते ही घाटे की बात होने लगती थी। लेकिन, अब हालात विपरीत हैं। उन्होंने कहा, अगर विकास की इच्छाशक्ति हो और नीयत साफ हो तो नए रास्ते निकल आते ही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हर साल रेलवे के बजट को हमेशा बढ़ाया गया। अब मध्य प्रदेश में 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक का रेलवे बजट है। 2014 से पहले ये केवल 600 करोड़ रुपए का बजट था।'
PM मोदी- देश के भीतर-बाहर से हो रही साजिश
पीएम मोदी ने कहा, देश के भीतर और बाहर साजिश हो रही है। इसके लिए इन लोगों ने भांति-भांति के लोगों को सुपारी दे रखी है। खुद भी मोर्चा संभाले हुए हैं। इन लोगों का साथ देने के लिए कुछ लोग देश के भीतर हैं तो कुछ देश के बाहर बैठकर अपना काम कर रहे हैं।' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'ये लोग लगातार कोशिश करते रहे हैं कि किसी तरह मोदी की छवि धूमिल हो। लेकिन, भारत के गरीब, मध्यम वर्ग, आदिवासी, दलित, पिछड़े सहित हर भारतीय आज मोदी का सुरक्षा कवच बना हुआ है। इसीलिए ये लोग बौखला गये हैं। ये नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं।'
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की तैयारियां विभिन्न स्टेशनों पर कर ली गई। यह सेमी हाई स्पीड ट्रेन झाँसी, ग्वालियर में भी रुकेगी। बताया गया है कि भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से नईदिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन का नंबर 20171 रहेगा, वहीं नईदिल्ली से आरकेएमपी के लिए ट्रेन का नंबर 20171 होगा।
भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस 2 अप्रैल को सुबह 5ः30 बजे रवाना होगी। वहीं, नईदिल्ली रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन 2ः30 बजे चलेगी। पहले इस ट्रेन का स्टॉपेज सिर्फ आगरा में था लेकिन अब वंदे भारत एक्सप्रेस वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन झाँसी और ग्वालियर में भी रुकेगी। हालांकि फाइनल शेड्यूटल नहीं आया है।
झाँसी और ग्वालियर में होगा स्टॉपेज
भोपाल से दिल्ली के बीच शुरु होने जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस का स्टॉपेज पहले सिर्फ आगरा में था, लेकिन ग्वालियर और झाँसी में भी इसके रुकने की मांग की जाने लगी। रेल मंत्रालय ने झाँसी और ग्वालियर में स्टॉपेज की सुविधा दे दी है। फिलहाल पूरा शेड्यूल आना बाकी है।
हफ्ते में छह दिन चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस
भोपाल से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हफ्ते में छह दिन चलाया जाएगा। मैंटेनेंस के चलते शनिवार को यह ट्रेन उपलब्ध नहीं होगी। यह देश की 11 वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी। बताते हैं कि भोपाल से दिल्ली के बीच पहले चल रही शताब्दी एक्सप्रेस को रफ्तार के मामले में वंदे भारत पीछे छोड़ देगी। रेलवे मंत्रालय के अनुसार यह ट्रेन 694 किलोमीटर का सफर 7.45 घंटे में तय करेगी। वहीं वापसी में पांच मिनट का अधिक समय लगेगा. यानी वापसी में ट्रेन 7.50 घंटे का समय लेगी। वंदेभारत एक्सप्रेस शताब्दी के मुकाबले कम समय में पहुंचेगी। मौजूदा समय शताब्दी एक्सप्रेस 701 किमी की दूरी को 8 घंटे 50 मिनट में तय करती हैं। वहीं, वंदेभारत एक घंटे 5 मिनट कम समय में दूरी तय करेगी। इस तरह वंदे भारत से सफर करने पर करीब एक घंटे का समय बचेगा।
ट्रेन में विद्यार्थियों को कराया जाएगा सफर
इस ट्रेन में पहले दिन स्कूल के विद्यार्थियों को सफर कराया जाएगा। झाँसी मंडल बीना से झाँसी के बीच 500 बच्चों का सफर होगा। उद्घाटन के बाद यह ट्रेन वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन पर 6.45 बजे पहुंचेगी। इस ट्रेन में यात्री दो या तीन अप्रैल से सफर कर सकते हैँ। इस ट्रेन का वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन व ग्वालियर में भी ठहराव है।
यह है ट्रेन की खासियत
दरवाजे स्वचलित होंगे। जब ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी होगी, तब दरवाजे खुले रहेंगे। यदि बंद हैं तो गेट के सामने जाकर खड़े हो जाएं, दरवाजे स्वतः खुल जाएंगे।
जब ट्रेन किसी स्टेशन पर ठहरेगी, तब भी दरवाजे स्वतः खुलेंगे। आपको परेशान होने की जरुरत नहीं होगी। कोच के अंदर भी एक से दूसरे कोच में जाने के लिए जिन दरवाजों से सामना होगा, वे भी स्वचलित होंगे। शौचालय में अग्निशामक रखे हैं, जिनका उपयोग आग लगने की स्थिति में किया जा सकेगा। कोच में फोल्डिंग टेबल दी गई है जिसका उपयोग यात्री अपनी सुविधा के अनुसार कर सकेंगे। कोच में दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष हैंडल लगाकर उन पर ब्रेल लिपि में बर्थ संख्या का उल्लेख किया है। एक्जीक्यूटिव श्रेणी के कोच की चेयरकार बर्थ, जिन्हें यात्री आसानी से 180 डिग्री एंगल पर सुविधा अनुरुप घुमाकर बैठ सकेंगे। गेट पर सीसीटीवी लगे हैं, चढ़ने व उतरने वाले यात्री इनकी जद में होंगे। ट्रेन में जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, वैक्यूम आधारित शौचालय, एलईडी टीवी भी है।
आपातकालीन स्थिति में ऐसे खोल सकेंगे दरवाजे
ट्रेन का पूरी तरह ठहरने तक प्रतीक्षा करें। फिर लाल पैनल के कांच को तोड़ें और लाल हैंडल को तीर के निशान की ओर घुमाएं। दरवाजे में दिए हैंडल स्लाट का उपयोग करके दरवाजे को एक और खिसकाएं। यह तय करें कि बगल के ट्रैक पर कोई ट्रन नहीं आ रही है।
यात्री ऐसे कर सकेंगे लोको पायलट व सहायक लोको पायलट से बात
प्रत्येक कोच के अंदर व प्रत्येक मुख्य गेट पर आपातकालीन टाक बैक यूनिट है। उसमें पुश बटन है, जिसे तब तक दबातें रहें, जब तक की एलईडी की ब्लिकिंग बंद होकर लाल रंग में न बदल जाएं। इसके बाद एलईडी का रंग हरा होने तक प्रतीक्षा करें, हरा रंग यह सूचित करता है कि ट्रेन आपरेटर व ड्राइवर आपसे बात करने के लिए तैयार हैं। माइक्रोफोन पर बात करें, ट्रेन आपरेटर-ड्राइवर द्वारा दी जाने वाली सलाह का पालन करें। पुश बटन को दोबारा न दबाएं। एेसा करने से ट्रेन आपरेटर व ड्राइव द्वारा काल काट दिया जाएगा।