माल्या को भारत लाने की उम्मीदों पर फिर सकता है पानी, ब्रिटिश अदालत ने तिहाड़ को बताया 'असुरक्षित'
ब्रिटेन की एक अदालत शराब कारोबारी और भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार विजय माल्या के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकती है। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की जिस अदालत में माल्या
लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत शराब कारोबारी और भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार विजय माल्या के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकती है। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की जिस अदालत में माल्या के खिलाफ सुनवाई चल रही है, उसके दो जज तिहाड़ को इससे पहले मानवाधिकार मामलों में असुरक्षित मान चुके हैं।
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माल्या मामले में इससे पहले जज तिहाड़ जेल को असुरक्षित बताते हुए और सीबीआई की ओर से दायर याचिका खारिज कर चुके हैं कि जिन शर्तों पर माल्या को तिहाड़ में रखा जाएगा, उनसे उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा।
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अदालत ने आरोपी के खिलाफ चल रहे मामले की गंभीरता जानने के बावजूद यह फैसला दिया। सूत्रों ने बताया कि इसी अदालत के जजों ने इससे पहले 16 अक्तूबर को ब्रिटेन के बुकी संजीव कुमार चावला और 12 अक्तूबर को धोखाधड़ी के आरोपी ब्रिटिश भारतीय दंपती जतिंदर तथा आशा रानी अंगुराला के पक्ष में फैसला दिया था। एमा ही माल्या मामले पर सुनवाई कर रहे हैं।
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अंगुराला दंपती मामले में इसी अदालत के जिला जज एमा अर्बथनॉट ने कहा कि 25 वर्षों बाद दोनों को प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण होगा। माल्या के खिलाफ चल रहे मामले में अदालत 20 नवंबर को अगली सुनवाई करेगी। चावला वर्ष 2000 में क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले में मुख्य आरोपी था। चावला को जिला जज रेबेका क्रेन ने यह कहकर प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया था कि मानवाधिकार के मामले में तिहाड़ जेल की स्थिति बेहद खराब है।