खतरे में वोडा-आइडिया: AGR विवाद में फंसी ये टेलीकॉम कंपनियां, खत्म हुई डेड लाइन
टेलीकॉम कंपनियों द्वारा AGR बकाया चुकाने की डेडलाइन शुक्रवार को रात 12 बजे ही खत्म हो चुकी है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (DoT) की ओर से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया चुकाने की डेडलाइन खत्म होने के बाद वोडाफोन- आइडिया का बयान आया है।
नई दिल्ली: देश में जहां मोबाइल पर बात करना इस समय महंगा हो गया है, वहीं दूसरी तरफ टेलीकॉम कंपनियों को करीब 1.47 लाख करोड़ का AGR बकाया चुकाना है। इस बकाया राशि को ग्रॉस रेवेन्यू यानी AGR बकाया कहा जाता है। बता दें कि इसकी डेडलाइन पहले ही खत्म हो चुकी है।
ख़त्म हो चुकी है बकाया राशि चुकाने की तारीख
टेलीकॉम कंपनियों द्वारा AGR बकाया चुकाने की डेडलाइन शुक्रवार को रात 12 बजे ही खत्म हो चुकी है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (DoT) की ओर से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया चुकाने की डेडलाइन खत्म होने के बाद वोडाफोन- आइडिया का बयान आया है। जिसमें कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने सरकार को एजीआर बकाया चुकाने का प्रस्ताव दिया है। वोडाफोन की ओर से जारी बयान के मुताबिक कंपनी फिलहाल मूल्यांकन कर रही है कि वह अगले कुछ दिनों में कितना बकाया चुका सकती है।
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बता दें कि वोडाफोन-आइडिया को सरकार का 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक चुकाना है। इसे चुकाने की डेडलाइन भी शुक्रवार (14 फरवरी) को रात 12 बजे खत्म हो चुकी है। वोडाफोन-आइडिया के अलावा एयरटेल समेत अन्य टेलीकॉम कंपनियों को भी रकम की अदायगी करनी है।
एयरटेल ने कहा हम 20 फरवरी 2020 तक राशि जमा कर देंगे
इससे पहले भारती एयरटेल ने शुक्रवार को 10,000 करोड़ रुपये का बकाया 20 फरवरी तक देने की पेशकश की थी। एयरटेल ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट को भेजे पत्र में कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उनके निर्देश के अनुपालन में हम 20 फरवरी 2020 तक भारती समूह की कंपनियों की ओर से 10,000 करोड़ रुपये (खाते में) जमा कर देंगे।” एयरटेल पर सरकार का करीब 35,586 करोड़ रुपये बकाया है।
क्या घाटे से उबर पाएगी वोडा-आइडिया
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को 6,438.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इस तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय साल भर पहले के 11,982.8 करोड़ रुपये से पांच प्रतिशत कम होकर 11,380.5 करोड़ रुपये पर आ गई है। इससे पहले वोडाफोन-आइडिया को सितंबर तिमाही में 50.922 करोड़ रुपये का भारी-भरकम घाटा हुआ था। इस तिमाही में वोडाफोन-आइडिया ने एजीआर बकाया देने के लिए प्रावधान किया था। इन हालातों में वोडाफोन-आइडिया का शेयर भाव और मार्केट कैपिटल भी अपने ऑल टाइम लो लेवल पर है।
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क्या है AGR का विवाद?
दरअसल, सरकार टेलीकॉम कंपनियों से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मांग रही है। एजीआर, संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस है। सरकार की इस मांग के खिलाफ टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी टेलीकॉम कंपनियों को लगाई फटकार
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी टेलीकॉम कंपनियों को झटका देते हुए सरकार की मांग को जायज ठहराया और 23 जनवरी 2020 तक इसे चुकाने का आदेश दिया था। इसके बाद टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर कोर्ट गईं लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी पाते हुए फटकार भी लगाई। कोर्ट की सख्ती के बाद शुक्रवार को डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों को रात 12 बजे से पहले बकाया चुकाने का आदेश दिया था।