Rajasthan Election 2023: राजस्थान में छिटपुट हिंसा के बीच 73.28 फीसदी वोटिंग, गहलोत, वसुंधरा और सचिन समेत 1863 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 199 सीटों पर मतदान का काम आज शाम को पूरा हो गया। सुबह सात बजे वोटिंग शुरू होने के बाद शुरुआत में मतदान की रफ्तार धीमी थी मगर धीरे-धीरे मतदाताओं ने वोटिंग के प्रति भारी उत्साह दिखाया। मतदाताओं ने आज राज्य में 1863 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला किया। अब तक मतदान का आंकड़ा 73.28 फीसदी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-11-25 15:24 GMT

राजस्थान में छिटपुट हिंसा के बीच बंपर वोटिंग, गहलोत, वसुंधरा और सचिन समेत 1863 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद: Photo- Social Media

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 199 सीटों पर मतदान का काम आज शाम को पूरा हो गया। सुबह सात बजे वोटिंग शुरू होने के बाद शुरुआत में मतदान की रफ्तार धीमी थी मगर धीरे-धीरे मतदाताओं ने वोटिंग के प्रति भारी उत्साह दिखाया। नौ बजे के बाद तमाम बूथों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइन लग गई। मतदाताओं ने आज राज्य में 1863 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला किया। राजस्थान में बंपर वोटिंग का बड़ा सियासी मतलब निकाला जा रहा है। मतदान के दौरान आज भरतपुर, धौलपुर, फतेहपुर शेखावटी और बाड़ी में हिंसा, मारपीट और फायरिंग होने की खबरें हैं।

मतदान का आंकड़ा 73.28 फीसदी

रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब तक मतदान का आंकड़ा 73.28 फीसदी है। वोट का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। अब यह तय हो गया है कि इस बार का मतदान प्रतिशत पिछले कई चुनाव के रिकॉर्ड तोड़ेगा।

राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं मगर एक प्रत्याशी का निधन हो जाने के कारण आज199 सीटों पर वोटिंग कराई गई। करणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव टाल दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दीया कुमारी समेत कई दिग्गज नेताओं की किस्‍मत आज ईवीएम में कैद हो चुकी है।

देर शाम तक लगी रही मतदाताओं की कतार

राजस्थान में पिछले चुनावों की तरह इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है और दोनों दलों की ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में कांग्रेस को अपनी गारंटियों पर भरोसा है तो भाजपा को अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों पर मतदाताओं का समर्थन मिलने का भरोसा है।

मतदान के लिए शाम छह बजे तक का समय तय किया गया था। इसलिए शाम छह बजे पोलिंग केद्रों के गेट बंद कर दिए गए। हालांकि छह बजे तक तक कतारों में लगने वाले मतदाताओं को वोटिंग का मौका दिया गया। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि शाम छह बजे तक पोलिंग केद्रों पर पहुंचने वाले मतदाताओं को मतदान करने की इजाजत दी जाए।

ये भी पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023 Update: 199 सीटों पर 68.24 प्रतिशत मतदान, बाड़ी में बूथ कैप्चरिंग की कोशिश, सीकर में दो गुटों की झड़प से पुलिसकर्मी सम

धीरे-धीरे बढ़ती गई मतदान की रफ्तार

सुबह सात बजे वोटिंग शुरू होने के बाद शुरुआती 2 घंटे में 9.77 फीसदी मतदान हुआ था। नौ बजे के बाद मतदान के काम में तेजी आई और काफी संख्या में मतदाता वोटिंग के लिए निकले। इसके बाद हर दो घंटे में करीब 15-15 फीसदी मतदान हुआ। सुबह 11 बजे तक मतदान का आंकड़ा 24.74 फीसदी तक पहुंच गया था। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक दोपहर एक बजे 40.27 फीसदी और फिर तीन बजे तक 55.63 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। शाम पांच बजे तक 68.24 फ़ीसदी मतदान दर्ज किया गया था। राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान 74.06 फीसदी वोटिंग हुई थी।

तिजारा-पोकरण में बंपर वोटिंग के सियासी मायने

राजस्थान में दो सीटों पर हुई बंपर वोटिंग ने भी सियासी हल्कों में चर्चाओं का बाजार गरम कर दिया है। राज्य की तिजारा और पोकरण विधानसभा सीट पर इस बार बंपर वोटिंग देखने को मिली है। वोटिंग का हाल यह था कि दोपहर तीन बजे तक ही इन दोनों सीटों पर 69 फ़ीसदी वोट डाले जा चुके थे।

इन दोनों सीटों पर भारी मतदान इसलिए भी चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि तिजारा सीट से बाबा बालकनाथ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि पोकरण में महंत प्रतापपुरी भाजपा के उम्मीदवार हैं।

कांग्रेस ने तिजारा में इमरान खान को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि पोकरण में साले मोहम्मद कांग्रेस के टिकट पर चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। इन दोनों सीटों पर बंपर वोटिंग के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि भारी मतदान इन दोनों सीटों पर बदलाव का संकेत है।

गहलोत-सचिन: Photo- Social Media

गहलोत-सचिन का कांग्रेस की जीत का दावा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज मतदान करने के बाद दावा किया कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलना तय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत के बाद पार्टी के नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस बात का फैसला करेंगे कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी मेरे लिए जो भी भूमिका तय करेगी, वह मुझे मंजूर होगी।

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने भी वोट डालने के बाद कांग्रेस को जीत मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पोस्टर में किसका चेहरा बड़ा है और फोटो किसकी लगी हुई है। चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद हाईकमान की ओर से ही राज्य के मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला किया जाएगा। राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने भी पार्टी को बहुमत मिलने का दावा किया।

वसुंधरा बोलीं-राजस्थान में खिलेगा कमल

मतदान का समय समाप्त होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने लिखा कि शांतिपूर्वक और भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रदेशवासियों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं और खासकर नए मतदाताओं का आभार जताती हूं। उन्होंने लिखा कि आज राजस्थान की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन, विकास और विश्वसनीयता पर मुहर लगा दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा के सुराज को अपनाया है और कांग्रेस के कुराज को ठुकराया है। राजे ने कहा कि झूठा वादा करने वाले कांग्रेस की गारंटियों को राज्य की जनता ने ठुकरा दिया है और वादा निभाने वाली भाजपा पर भरोसा जताया है। इसलिए राजस्थान में अब अंधेरा छटेगा और कमल खिलेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे: Photo- Social Media

भाजपा का दावा-कायम रहेगा रिवाज

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद सीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश की जनता इस बार बदलाव के मूड में दिखी है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न इलाकों का दौरा करने के बाद मुझे इस बात का स्पष्ट एहसास है कि इस बार भाजपा को सत्ता हासिल होगी। चुनावी बयार से स्पष्ट है कि इस बार भाजपा आएगी और कांग्रेस जाएगी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने झोटवाड़ा में बने पोलिंग बूथ पर वोट डालने के बाद कहा कि इस बार भी राजस्थान में रिवाज कायम रहेगा और राज्य की सत्ता बदलेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने पिछले 5 साल के राज में कोई काम नहीं किया है और इसलिए राज्य की जनता कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति, कर्ज माफी में किसानों के साथ धोखा और कानून व्यवस्था के मोर्चे पर गहलोत सरकार की विफलता कांग्रेस की हार के बड़े कारण बन सकते हैं।

Tags:    

Similar News