बंगाल में बवंडरः चुनाव प्रक्रिया पर सियासत शुरू, जानिए क्यों भड़का विपक्ष

तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद माकपा, भाकपा, भाकपा माले और कांग्रेस ने भी आठ चरणों में मतदान कराने के फैसले पर चुनाव आयोग को घेरा है।

Update: 2021-02-27 05:19 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। चुनाव आयोग के पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान कराने के फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद माकपा, भाकपा, भाकपा माले और कांग्रेस ने भी आठ चरणों में मतदान कराने के फैसले पर चुनाव आयोग को घेरा है। इन दलों ने कहा कि आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि चुनाव प्रक्रिया को इतना लंबा खींचने का आखिर कारण क्या है।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने आठ चरणों में मतदान कराने के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी का कहना है कि असामाजिक तत्वों को काबू में रखने और चुनावों को शांतिपूर्ण कराने के लिए आयोग का यह फैसला बिल्कुल सही है। पार्टी का यह भी कहना है कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।

ममता का आयोग पर बड़ा हमला

चुनाव आयोग की ओर से चरणों में मतदान कराने के फैसले के तुरंत बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग पर बड़ा हमला किया। उनका कहना था कि भाजपा के सुझावों के आधार पर पूरा चुनाव कार्यक्रम तय किया गया है। उन्होंने कहा कि आयोग ने भाजपा की सहूलियत को देखते हुए ऐसा फैसला किया है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार के बाद पश्चिम बंगाल में प्रचार करने का मौका मिल सके।

उन्होंने कहा कि जब चुनाव आयोग ही लोगों के साथ न्याय नहीं करेगा तो लोग कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब असम में 3 चरणों में और अन्य राज्यों में एक चरण में चुनाव कराए जा सकते हैं तो पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने का क्या मतलब है।

माकपा ने आयोग से पूछा सवाल

ममता के बाद अब माकपा, भाकपा, भाकपा माले और कांग्रेस में भी आयोग के फैसले पर सवाल उठाए हैं। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि बंगाल में चुनाव प्रक्रिया को एक महीने से ज्यादा समय तक खींचने का आखिर कारण क्या है।

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उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इस पार्टी ने ही भाजपा को राज्य में दाखिल होने का मौका दिया है। इसलिए तृणमूल कांग्रेस की सरकार को हराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में टीएमसी विरोधी लहर से भाजपा को फायदा मिला है।

भाकपा माले ने भी कसा तंज

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने अहमदाबाद टेस्ट की चर्चा करते हुए आयोग पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि चेन्नई में पांच दिनों तक खेला गया टेस्ट मैच अमदाबाद में दो दिनों में ही सिमट गया। तमिलनाडु में एक दिन में होने वाला चुनाव पश्चिम बंगाल में 8 चरणों तक खींचा जा रहा है। क्या कोई इस नंबर गेम के बारे में सच्चाई बता सकता है।

आयोग 8 चरणों में मतदान का कारण बताए

भाजपा महासचिव डी राजा ने भी आयोग को घेरते हुए कहा कि उसे 8 चरणों में मतदान कराने की ठोस वजह स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि आखिर पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रक्रिया को इतना लंबा क्यों खींचा जा रहा है।

कांग्रेस ने लगाया भाजपा की मदद का आरोप

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी आयोग के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या इसके पीछे कोई कुटिल योजना बनाई गई है? यदि केरल तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक चरण में चुनाव कराए जा सकते हैं तो पश्चिम बंगाल और असम में चुनाव प्रक्रिया को लंबा खींचने की क्या जरूरत है।

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कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी आयोग को घेरते हुए का कि एक तरफ भाजपा वन नेशन-वन इलेक्शन का नारा देती है तो दूसरी ओर बंगाल में 8 चरणों में मतदान की घोषणा की गई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर का कहना है कि यह सबकुछ जानबूझकर किया गया है। चुनाव आयोग भाजपा की मदद करने में जुटा हुआ है।

भाजपा ने किया चुनाव कार्यक्रम का स्वागत

दूसरी ओर भाजपा ने आयोग की ओर से घोषित किए गए चुनाव कार्यक्रम का स्वागत किया है। भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह कदम उठाना बेहद जरूरी था।

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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए असामाजिक तत्वों पर लगाम लगानी होगी। हर जिले में निष्पक्ष अधिकारियों की तैनाती जरूरी है ताकि किसी को भी मतदान से न रोका जा सके। भाजपा नेता और बंगाल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने भी आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के लोग बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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